सभी विधायकों को आगामी विधानसभा सत्र में लेना होगा भाग
तृणमूल बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक के बाद घोषणा
कोलकाता, सूत्रकार : राज्य सरकार ने पार्टी के सभी विधायकों को विधानसभा सत्र में शामिल होने को कहा है। वे आगामी विधानसभा सत्र से विधायकों की उपस्थिति अनिवार्य करने जा रहे हैं। राज्य विधानसभा का सत्र इस सप्ताह के अंत में शुरू होगा। यह फैसला तृणमूल की बिजनेस एडवाइजरी बैठक में लिया गया।
सूत्रों के मुताबिक इस मामले में इतनी सख्ती बरती जा रही है कि विधायकों की उपस्थिति रिकॉर्ड को लेकर एक नया नियम लाया गया है। उनका एटेंडेंस रजिस्टर विधानसभा के मुख्य सचेतक और राज्य के मंत्री के कमरे में रहेगा। वहां विधायकों को विधानसभा आने और जाने का समय लिखना होगा।
इस बैठक के बाद विधानसभा के स्पीकर विमान बनर्जी ने कहा कि कई बार देखा गया है कि सत्र चलने के दौरान कई विधायक गैर हाजिर रहते हैं। उनको कई बार ऐसा न करने को कहा गया है लेकिन वे इसमे सुधार नहीं कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस बैठक में नये फैसले की घोषणा की गयी है।
इन मुद्दों पर होगी चर्चा
वहीं, स्पीकर ने कहा कि आगामी सत्र में जिन मुद्दों पर चर्चा हो सकती है, उस पर भी बैठक में निर्णय लिया गया है। विधानसभा सत्र की तारीख फिलहाल 24 से 30 नवंबर तय की गई है लेकिन सत्र सिर्फ चार दिनों का ही होगा। शुक्रवार 24 नवंबर को सत्र शुरू होगा। उसके बाद शनिवार-रविवार की छुट्टी है। सोमवार को गुरु पूर्णिमा का अवकाश होने के कारण सत्र नहीं होगा। परिणामस्वरूप, सत्र 28, 29 और 30 नवंबर को फिर से जारी रहेगा।
स्पीकर ने कहा कि इन चार दिनों में विधानसभा में चर्चा का मुख्य विषय राज्य के मंत्रियों और विधायकों के वेतन में बढ़ोतरी होगी। 28 तारीख को संविधान दिवस के मौके पर संविधान पर ही चर्चा करने का फैसला लिया गया है। स्पीकर ने कहा कि ऐसे में सभी को लगता है कि संविधान का उल्लंघन हो रहा है। मैं ईडी-सीबीआई के बारे में कुछ भी नया नहीं कहूंगा।उस दिन संविधान पर चर्चा के लिए 2 घंटे का समय आरक्षित रखा गया है। 29 तारीख को विधायकों की सैलरी बढ़ाने का बिल विधानसभा में पेश किया जाएगा। इस पर भी चर्चा होगी। 30 नवंबर को विधानसभा में मंत्रियों की सैलरी बढ़ाने का बिल लाया जाएगा और उस पर चर्चा होगी।
हालांकि, विधानसभा सत्र 30 तारीख के बाद चलेगा या नहीं, इसका फैसला अगले बुधवार यानी 29 नवंबर को होगा। अध्यक्ष ने कहा कि कार्यमंत्रणा की बैठक में इस पर निर्णय लिया जायेगा। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्पीकर ने कुछ अन्य मुद्दों पर सवालों के जवाब दिए। उनसे बीजेपी की बैठक में शामिल नहीं होने को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि जो आएंगे वो आएंगे। अगर नहीं आये तो मत आना। लोक लेखा समिति के अध्यक्ष नहीं आये तो क्या करें। विधानसभा के रिकॉर्ड कहते हैं कि उस समिति का अध्यक्ष भाजपा का सदस्य है। आखिरी स्पीकर से पूछा गया कि क्या वह विधान सभा में आईएसएफ के एकमात्र विधायक नौशाद सिद्दीकी की मौजूदगी के बारे में कुछ कहना चाहते हैं। यह सुनकर स्पीकर ने साफ कहा कि विधानसभा में इस नाम की कोई पार्टी नहीं है। जो भी है उस पार्टी का नाम दूसरा है।