सभी प्रमंडलों को मिला गो मुक्तिधाम की सौगात

पशुपालकों को 100 मॉडल अस्पतालों का भी मिलेगा लाभ

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रांची : कृषि, पशुपालन और सहकारिता मंत्री बादल ने शनिवार को राज्य के पशुपालकों, किसानों को गो मुक्तिधाम की सौगात दी। रांची से बाहर रहने के कारण उन्होंने पशुपालन भवन, रांची में आयोजित पशु मेला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम 2023 का आनलाइन उद्घाटन करते आज के दिन को खास बताया। कहा कि राज्य सरकार किसानों, पशुपालकों के लिए संवेदनशील है।

गो पालन के बाद उसकी मृत्यु हो जाने पर अब गो मुक्तिधाम का लाभ लिया जा सकेगा। गाय के प्रति जो आस्था है, उसका मान रख सकेंगे। फिलहाल पांचों प्रमंडल में एक-एक गो मुक्तिधाम खोले गए हैं। आने वाले वित्तीय वर्ष में सभी जिलों में इसे स्थापित किया जाएगा। साथ ही बादल ने कहा कि सभी प्रमंडलों में भी पशु एंबुलेंस का लाभ दिए जाने की तैयारी है। अभी 42 हजार दुग्ध उत्पादक विभाग से जुड़े हैं। आने वाले दिनों में एक लाख दुग्ध उत्पादकों को जोड़े जाने का लक्ष्य है।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में विभागीय सचिव अबू बकर सिद्दीख, सहकारिता विभाग के रजिस्ट्रार मृत्युंजय वर्णवाल, पशु पालन निदेशक शशि प्रकाश झा, विशेष सचिव प्रदीप हजारे, मत्स्य निदेशक एच एन द्विवेदी, कॉपरेटिव बैंक के सीईओ मनोज कुमार सहित अन्य विभागीय पदाधिकारी भी मौजूद थे।

मौके पर 51 कृत्रिम गर्भाधान कार्यकर्ताओं और 30 पशुपालकों को प्रशस्ति पत्र भी दिए गए. इस दौरान सचिव द्वारा जोड़ा बैल योजना का शुभारंभ किया गया। कुछ चयनित किसानों को खेती और दूसरे कार्यों में मदद के लिए दो बैल दिए गए।

अबू बकर सिद्दीख ने कहा कि सचिवालय से लेकर पंचायत स्तर तक हर जवाबदेह व्यक्ति अगर अपने दायित्व का निर्वहन ईमानदारी से करें तो हर लक्ष्य संभव है। पशुपालकों से अपील करते कहा कि हर हाल में अपने मवेशियों की सेहत, टीकाकरण का ध्यान रखें। बीमारी से पहले ही समय समय पर टीकाकरण कराने से लाभ होगा।

ऐसा नहीं करने पर फिर से गरीबी में जाने का खतरा रहता है। कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम में अभी और बेहतर प्रदर्शन की जरूरत है। जिस तरह से 28 जनवरी से 2 मार्च तक पशुपालन भवन में पशु मेला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है, जिले स्तर पर भी किए जाने से किसान, पशुपालक लाभान्वित होंगे।

सहकारिता विभाग के मृत्युंजय वर्णवाल ने कहा कि किसान और पशुपालक अलग अलग नहीं हैं। गांवों में जो किसानी करते हैं, वे पशुपालन से भी जुडे दिखते हैं। लैंप्स, पैक्स हर पंचायत में है। 14.50 लाख किसान अभी इससे रजिस्टर्ड हैं। सीएम फसल राहत योजना के लिए भी 30 लाख किसान पंजीबद्ध हो चुके हैं।

विभाग की जो भी स्कीम है, छोटे छोटे एस एम एस बनाकर किसानों को दिया जाना चाहिए। उन्होंने किसानों से भी आगे बढ़कर विभागीय योजनाओं का लाभ लेने को कहा। प्रदीप हजारे ने भी पशु प्रबंधन, सुखाड़ से निपटने के तरीकों के प्रति जागरूक रहने की अपील किसानों से की।

 

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