शुरू हो गया है अंबुबाची, जानिये क्यों है ये इतना खास

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असम के गुवाहाटी में स्थित कामाख्या मंदिर में 22 जून से वार्षिक अंबुबाची मेला शुरू हो गई है। चार दिन तक चलने वाले इस प्रसिद्ध मेले में लाखों की संख्या में लोग पहुंचते हैं। अंबुबाची मेला ऐतिहासिक कामाख्या देवी मंदिर में प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है। यह देवी मां कामाख्या के वार्षिक मासिक धर्म के उत्सव का प्रतीक है। बताया जाता है कि कामाख्या मंदिर असम में नीलाचल पहाड़ियों के ऊपर स्थित है और देश के 51 शक्तिपीठों में से एक है। वहीं इस साल अंबुबाची गुप्त नवरात्रि के दौरान पड़ रहा है। इन दोनों त्योहारों को महाविद्या के लिये सबसे अनुकूल है। अंबुबाची को दौरान मां के मंदिर का कपाट बंद रहता है।

मान्यताओं के अनुसार तीन दिनों में मां का मासिक चक्र होता है। इन तीन दिनों मां को सफेद कपड़ा ओढ़ाया जाता है। वहीं जब कपाट खुलता है को वह सफेद कपड़ा लाल हो जाता है और इस कपड़े के टूकड़े को लेने के लिये लाखों लोग उमड़ते हैं। कहा जाता है कि जो व्यक्ति कर्म अच्छे हों और उसकी किस्मत अच्छी हो तो उसे यह कपड़ा मिलता है। माना जाता है कि इससे माता की सभी मुरादें पूरी हो जाती हैं। वहीं अंबुबाची के दौरान लोग विश्व के अलग- अलग हिस्सों से इस तिथी में तंत्र-साधना जैसी महाविद्या सिखने आते हैं।

असम सरकार और कामाख्या मंदिर प्रबंधन समिति ने इस साल के अंबुबाची मेले के लिए सभी इंतजाम कर लिए हैं। राज्य सरकार ने श्रद्धालुओं के भोजन और पीने के पानी आदि के साथ टेंट हाउस भी बनाए हैं। ये इंतजाम देशभर से आने वाले भक्तों को ध्यान में रखते हुए किए जा रहे हैं।