प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे के साथ ही भारत में मुस्लिमों और अल्पसंख्यकों को लेकर बहस शुरू हो गई है। इल्हान उमर समेत कुछ अमेरिकी सांसदों ने भारत में अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न का आरोप लगाया और पीएम मोदी के भाषण का बहिष्कार कर दिया। इसके बाद अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी मुस्लिमों को लेकर सवाल पूछने की बात कही। इसी पूरी बहस के बीच जब पीएम मोदी संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए तो एक पत्रकार ने उनसे इसे लेकर सवाल पूछ लिया जिसका पीएम मोदी ने काफी विस्तार से जवाब भी दिया।
जानकारी के अनुसार राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ प्रधानमंत्री मोदी प्रेस कॉन्फ्रेंस में पहुंचे, जहां अमेरिकी रिपोर्टर ने सवालों का सिलसिला शुरू किया। इस दौरान एक रिपोर्टर ने उनसे पूछा कि दुनियाभर के नेताओं ने लोकतंत्र को बचाए रखने का संकल्प लिया है। ऐसे में आप और आपकी सरकार मुस्लिमों और अन्य अल्पसंख्यकों के अधिकारों की सुरक्षा को बेहतर करने और फ्रीच स्पीच को बनाए रखने के लिए क्या कर रही है?
इसके जवाब में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि लोकतंत्र हमारी रगों में है और जाति, पंथ और धर्म के आधार पर किसी के साथ भेदभाव का कोई सवाल ही नहीं है। मोदी ने कहा कि हमारी सरकार सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास के सिद्धांत पर चलती है। भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों में कोई भेदभाव नहीं है। साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि ‘‘लोकतंत्र हमारे रगों में है। लोकतंत्र को हम जीते हैं। हमारे पूर्वजों ने संविधान के रूप में शब्दों में ढ़ाला है। जब हम लोकतंत्र को जीते हैं तब भेदभाव की बात ही नहीं आती है।”
बता दें कि पीएम मोदी ने यूएस कांग्रेस के संयुक्त सत्र को दूसरी बार संबोधित किया। यहां उनका भव्य स्वागत हुआ और सांसदों ने मोदी-मोदी के नारे भी लगाए। हालांकि इसी बीच कई अमेरिकी नेताओं ने भारत में अल्पसंख्यकों और खासतौर पर मुस्लिमों के अधिकारों को लेकर सवाल भी उठाए। वहीं पूर्व राष्ट्रपति ओबामा ने भी कहा कि अगर पीएम मोदी से बात होती तो मैं उनसे भारत में मुस्लिमों की सुरक्षा का मुद्दा उठाता।