Sengol विवाद को लेकर विपक्ष पर भड़के Amit Shah, कहा कांग्रेस को भारतीय परंपराओं से इतनी नफरत क्यों?

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Sengol controversy : देश की नई संसद का 28 मई का उद्घाटन किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संसद भवन का उद्घाटन करवाने को लेकर भी विपक्ष ने विवाद खड़े रहा है। इसी बीच ‘सेंगोल’ यानी राजदंड को लेकर भी विपक्ष लगातार हमला कर रहा है। इसे लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को Sengol के मुद्दे पर कांग्रेस पर चढ़ाव किया। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर कांग्रेस पार्टी को भारतीय परंपराओं और संस्कृति से इतनी नफरत क्यों है ? बता दें कि इससे पहले कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने कहा था कि इस बात के कोई सबूत नहीं है कि सेंगोल सत्ता हस्तांतरण का प्रतीक है। जयराम रमेश ने कहा कि इस बात में कोई हैरानी नहीं होनी चाहिए कि नया संसद भवन व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी की फर्जी सलाह के जरिए सुशोभित किया जा रहा है। बीजेपी-आरएसएस भारतीय इतिहास को तोड़ने-मरोड़ने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि तत्कालीन मद्रास में धार्मिक प्रतिष्ठान के जरिए राजदंड की परिकल्पना की गई है। मद्रास शहर में इसे तैयार कर साल 1945 में जवाहरलाल नेहरू को सौंपा गया था।

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इसके अलावा कांग्रेस नेता का कहना है कि लॉर्ड माउंटबेटन, सी राजगोपालाचारी और पंडित जवाहरलाल नेहरू के जरिए सेंगोल को ब्रिटिश हुकूमत द्वारा भारत को सत्ता ट्रांसफर करने का प्रतीक बताने वाला कोई भी दस्तावेज या सबूत उपल्बध नहीं है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार सेंगोल का इस्तेमाल तमिलनाडु में राजनीतिक फायदा उठाने के लिए कर रही है।

वहीं कांग्रेस कि इस बयान को लेकर केंद्र गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर सेंगोल के मुद्दे पर कांग्रेस पर धावा बोला। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी भारतीय परंपराओं और संस्कृति से इतनी नफरत क्यों करती है? भारत की आजादी के प्रतीक के रूप में तमिलनाडु के एक पवित्र शैव मठ ने पंडित जवाहरलाल नेहरू को यह पवित्र सेंगोल दिया था लेकर इसे ‘नेहरू के बुढ़ापे की छड़ी’ के तौर पर एक संग्रहालय में रख दिया गया था। शाह का कहना है कि कांग्रेस ने एक बार फिर से हिंदू संस्कृति का शर्मनाक तरीके से अपमान किया है। पवित्र शैव मठ थिरुवदुथुराई अधीनम ने खुद भारत की आजादी के समय सेंगोल का महत्व बताया था। लेकिन कांग्रेस ने अधीनम के इतिहास को ही झूठा करार दे दिया। वहीं अब वक्त आ गया है कि कांग्रेस को अपने व्यवहार को लेकर विचार करना चाहिए।