बंगाल में बच्चों के लिए ‘यमराज’ साबित हो रहा एडिनोवायरस

फिर से ली 3 मासूमों की जिंदगी

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कोलकाताः पश्चिम बंगाल में फैले जानलेवा एडिनोवायरस से पिछले 24 घंटों के दौरान कोलकाता के दो अस्पतालों में संबंधित लक्षणों के साथ भर्ती कराए गए तीन और बच्चों की मौत की सूचना मिली है।

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पश्चिम बंगाल में एडिनोवायरस बच्चों के लिए यमराज साबित हो रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक इस जानलेवा वायरस ने गुरुवार को फिर से तीन मासूमों की जिंदगी छीन ली है।

राज्य में इस वायरस से जान गंवाने वाले कुल बच्चों की संख्या छह हो गई है। मृतकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए राज्य सरकार भी सावधान हो गई है और इस मामले पर कड़ी निगरानी रख रही है।

राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने एक एडवाइजरी जारी की, जिसमें स्वास्थ्य पेशेवरों को बच्चों की विशेष देखभाल करने के लिए कहा गया कि खासकर दो साल से कम उम्र के, जिन्हें फ्लू जैसे लक्षणों के साथ भर्ती कराया गया था। तीन मृतकों में से दो कलकत्ता मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में और एक बीसी रॉय चिल्ड्रन्स हॉस्पिटल में बताए गए थे।

हुगली जिले में रहने वाले एक परिवार के सयान पाल (10 माह) ने चिनसुराह के इमामबाड़ा सदर अस्पताल से रेफर किए जाने के बाद कलकत्ता मेडिकल कॉलेज में दम तोड़ दिया। सीएमसी की दूसरी मौत शेख तमीम (छह महीने) की थी।

उसके 26 फरवरी को फ्लू जैसे लक्षणों के साथ अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सम्राट बारिक (10 महीने) का फेफड़ों के गंभीर संक्रमण, बुखार और सांस लेने में तकलीफ के साथ अस्पताल में भर्ती होने के एक हफ्ते बाद बीसी रॉय चिल्ड्रन्स हॉस्पिटल में निधन हो गया।

कोलकाता में एडिनोवायरस के मामलों में वृद्धि के बीच, स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने नागरिकों से घबराने के लिए नहीं कहा क्योंकि प्रसार स्वयं-सीमित है। एक अन्य मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कोलकाता के अस्पतालों के बाल चिकित्सा आईसीयू (पीआईसीयू) हफ्तों तक भरे रहते हैं। इस बीमारी के कारण जान गंवाने वाले बच्चों में एक्यूट रेस्पिरेटरी डिजीज (एआरडीएस) की पहचान की गई।

एडिनोवायरस से कैसे बचें?

पिछले दो से तीन महीनों से यह खतरनाक वायरस फैल रहा है। लोगों की खांसी 15 दिनों बाद भी नहीं जा रही है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के विशेषज्ञों के मुताबिक इसके कारण ज्यादा लोग अस्पतालों में भर्ती होते हैं।

इसके संक्रमण से निमोनिया हो सकता है। कुछ केस में मौत भी हो सकती है। आईसीएमआर ने बचाव के लिए मास्क पहनने, पर्याप्त तरल चीजें पीने, खांसते या छींकते समय मुंह को ढंकने, नाक और आंखों को छूने से बचने जैसे उपायों को अपनाने की सलाह दी है। बुखार और तेज बदन दर्द की हालत में किसी डॉक्टर से संपर्क करने की सलाह दी गई है।