बंगाल में एक और भ्रष्टाचार,  वर्क एजुकेशन के 750 पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति स्थगित

60 ऐसे लोगों को शामिल किया गया है जिनके नंबर याचिकाकर्ता से कम थे

कोलकाता : पश्चिम बंगाल में शिक्षकों की नियुक्ति (appointment of teachers in west bengal) संबंधी भ्रष्टाचार में एक और मामला जुड़ गया है।

एक बार फिर स्कूल सेवा आयोग (school service commission) (एसएससी) के जरिए अपर प्राइमरी स्कूलों में वर्क एजुकेशन टीचर्स की नियुक्ति में बड़े पैमाने पर धांधली उजागर हुई है।

इसके लिए 750 अतिरिक्त पद तैयार किए गए थे और लिखित परीक्षा भी हो गई थी। आरोप है कि इसमें जिन लोगों ने ज्यादा नंबर पाए थे, उन्हें छोड़कर उन लोगों को काउंसिलिंग के लिए बुलाया गया जिनके नंबर कम थे।

मंगलवार को कलकत्ता हाई कोर्ट (Calcutta High Court) ने नियुक्ति प्रक्रिया को स्थगित रखने का आदेश दिया है। एक दिन पहले मामले की सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति विश्वजीत बसु ने एसएससी से इस मामले में विस्तृत रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था।

कोर्ट ने कहा था कि उन सभी लोगों की सूची देनी होगी जो कम नंबर पाकर भी काउंसिलिंग के लिए बुलाए गए हैं और उन लोगों की भी सूची देनी होगी जिनके अधिक नंबर होने के बावजूद काउंसिलिंग की सूची में शामिल नहीं किया।

आज मंगलवार सुबह 10:30 बजे तक इस मामले में रिपोर्ट दाखिल की जानी थी। सूची एसएससी की ओर से दाखिल की गई जो चौंकाने वाली थी। पता चला कि इसमें 60 ऐसे लोगों को शामिल किया गया है जिनके नंबर याचिकाकर्ता से कम थे लेकिन उन्हें काउंसिलिंग के लिए बुलाया गया था।

इसके बाद न्यायाधीश ने आदेश दिया कि तत्काल प्रभाव से इस नियुक्ति पर फिलहाल कम से कम दो दिनों के लिए रोक रहेगी। गुरुवार को मामले की अगली सुनवाई होनी है जिस दिन एसएससी को एक और रिपोर्ट दाखिल करनी होगी। कोर्ट ने कहा है कि ऐसा क्यों हुआ, इस बारे में एसएससी को लिखित में देना होगा।

दरअसल 2016 में उच्च प्राथमिक स्कूलों में वर्क एजुकेशन शिक्षकों की नियुक्ति के लिए अतिरिक्त 750 पद सृजित किए गए थे और उसके लिए 2017 के जून महीने में परीक्षा ली गई थी।

2018 के मार्च में पर्सनैलिटी टेस्ट यानि इंटरव्यू हुआ था। इसके बाद अब इसकी काउंसिलिंग प्रक्रिया शुरू की गई है। इसी बीच सोमा राय नाम की एक अभ्यर्थी ने हाई कोर्ट में याचिका लगाई।

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वरिष्ठ अधिवक्ता विकास रंजन भट्टाचार्य (Senior Advocate Vikas Ranjan Bhattacharya) उनके अधिवक्ता के तौर पर कोर्ट में पक्ष रख रहे हैं। उन्होंने बताया कि गत तीन नवंबर को एसएससी ने वर्क एजुकेशन के लिए एक वेटिंग लिस्ट जारी की जिसमें सोमा का नाम नहीं था।

जब उसने और पता लगाया तो उसे पता चला कि उसे जो 72 नंबर मिले हैं उससे कम 56 नंबर पाने वाले लोग भी काउंसिलिंग की सूची में है। इसके अलावा एकेडमी के लिए उसे 22 नंबर मिलना चाहिए वहां केवल 18 दिया गया था। यहां तक कि इंटरव्यू के नंबर भी नहीं जोड़े गए हैं।

विकास रंजन भट्टाचार्य ने बताया कि सोमा से कम नंबर पाने वाले 60 लोग सूची में हैं। और भी पता नहीं कितने ऐसे लोग हैं जिनके नंबर उतने नहीं हैं जितने पर काउंसलिंग हो रही है।

इसलिए इस मामले में कोर्ट ने फिलहाल नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लगाई है। यह एक और भ्रष्टाचार है जो उजागर हो रहा है।

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