कोलकाता : बालीगंज में गजराज रियल स्टेट ग्रुप के मालिक के घर से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार की रातभर तलाशी अभियान चलाकर 1.40 करोड़ रुपये की बरामदगी की है।
अब इस कंपनी के मालिक विक्रम सिकरिया और उसके अकाउंटेंट को इसी हफ्ते दिल्ली स्थित ईडी मुख्यालय में पूछताछ के लिए तलब किया गया है।
केंद्रीय एजेंसी ने गुरुवार को इस बारे में खुद ट्वीट कर जानकारी दी है। बताया गया है कि बुधवार दोपहर बाद बालीगंज के 5 /ए अर्ल स्ट्रीट स्थित विक्रम सिकरिया के घर पर छापेमारी की गई थी, जहां गुरुवार सुबह 4:00 बजे तक तलाशी अभियान चलाया गया।
ये रुपये कहां से आए, किसने दिए, किस लिए रखे गए थे, इस बारे में पूछताछ के लिए विक्रम को अकाउंटेंट के साथ इसी हफ्ते दिल्ली स्थिति ईडी मुख्यालय में तलब किया गया है। उससे सवाल-जवाब होंगे और बयान रिकॉर्ड किया जाएगा।
ईडी के अधिकारियों ने बताया कि कोयला तस्कर अनूप मांझी या लाला की डायरी में बहुत सी जानकारियां छिपी हुई हैं। प्रवर्तन निदेशालय के सूत्रों ने कहा कि ईडी को कोयला तस्करी की घटना के मुख्य आरोपी अनूप मांझी उर्फ लाला की एक डायरी के आधार पर बालीगंज में कंपनी का नाम पता चला।
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कोयला तस्करी का काला धन घर निर्माण में लगाकर सफेद किया जाता है। ईडी ने कहा कि उस स्रोत के आधार पर संगठन से जुड़े कई अन्य स्थानों पर तलाशी ली जा सकती है।
सूत्रों ने बताया है कि विक्रम सिकरिया सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस के बेहद खास माने जाते हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी से भी उनके करीबी संबंध हैं।
उनके रुतबे का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि कोलकाता नगर निगम में बिल्डिंग निर्माण और अन्य प्रोजेक्ट के लिए सालों तक आवेदन पड़े रहने के बावजूद अनुमति नहीं मिलती लेकिन उन्हें वित्त वर्ष 2020-21 में यानी कोरोना काल के दौरान ही कोलकाता में 42 निर्माण प्रोजेक्ट को अनुमति मिल गई थी।
जैसे ही महामारी के बाद हालात सामान्य हुए। उसके तुरंत बाद उन्होंने काम शुरू कर दिया था और महज दो साल में सभी प्रोजेक्ट उन्होंने पूरा कर दिया है।
इनमें से 70 फीसदी काम दक्षिण कोलकाता में हुआ है, जहां मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का आवास है। ईडी के अधिकारियों ने बताया है कि उनके घर से न केवल रुपये बरामद हुए हैं, बल्कि कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए गए हैं, जिनकी जांच की जा रही है।