Calcutta Medical College: छात्र चुनाव को लेकर छात्रों का प्रदर्शन और घेराव

प्रर्दशन से स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हुई हैं

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कोलकाताः कलकत्ता मेडिकल कॉलेज (Calcutta Medical College) में छात्र परिषद चुनाव (student council elections) की मांग को लेकर हंगामा मचा हुआ है।

छात्रों ने सोमवार शाम से ही प्राचार्यों और विभागाध्यक्षों का घेराव कर रखा है। मेडिकल छात्र संघ (medical student association) ने शिकायत की है कि वे लंबे समय से छात्र परिषद के चुनाव की मांग कर रहे हैं।

लेकिन अधिकारियों की ओर से कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला था। 22 दिसंबर को मतदान की तारीख के बारे में मेडिकल के छात्रों को अंतिम पुष्टि नहीं मिली थी। उसके बाद छात्रों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया।

कलकत्ता मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल इंद्रनील विश्वास ने कहा कि 30 घंटे हो गए हैं। कुल 27 लोग फंसे हुए हैं। इनमें नर्सिंग सुपरिंटेंडेंट, रियो डायरेक्टर- ये सभी 30 घंटे पर हैं। कई लोग बीमार हो रहे हैं। वे सभी पचास से ऊपर हैं।

इंद्रनील का दावा है कि उनकी उच्चाधिकारियों से बात हो चुकी है। सभी को उनके निर्देश का इंतजार है। चुनाव के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं कि चुनाव निष्पक्ष हो।

इंद्रनील को लगता है कि कोई कारण नहीं है कि विद्यार्थी परिषद का चुनाव न हो। इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि वित्त विभाग द्वारा कुछ प्रतिबंध लगाए गए हैं। उनसे इजाजत लेनी चाहिए।
इसके अलावा अन्य विभागों से अनुमति लेनी होगी। उन्होंने कहा कि उसके बाद चुनाव प्रक्रिया पूरी की जाएगी। वे इस बात से भी वाकिफ हैं कि मरीजों को उचित सेवाएं भी मिलती हैं।

छात्रों की ऐसी प्रतिक्रिया देखकर उन्होंने कहा कि छात्रों से हमारी कभी बहस नहीं होती। वे बहुत छोटे हैं, वे छात्र हैं। हम शांति का प्रयोग कर रहे हैं। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि स्थिति ठीक हो जाएगी।

छात्रों के प्रदर्शन से चिकित्सा सेवाएं हुई प्रभावित

सोमवार रात से जिस कॉरिडोर में छात्राएं बैठी थीं, आज सुबह नर्सों ने भी धरना शुरू कर दिया। दोनों पक्षों के बीच तीखी नोकझोंक भी शुरू हो गई। हालांकि आंदोलनकारी छात्रों के मुताबिक वे नर्सिंग अधीक्षक को रिहा करने को तैयार हैं।

लेकिन खुद नर्सिंग अधीक्षक नहीं जाना चाहती। संकटग्रस्त डॉक्टरों के लिए सुबह-सुबह रक्तचाप मापने के उपकरण, स्टेथोस्कोप ले जाया गया। इस बीच, आंदोलनकारी छात्रों की मांग है कि छात्र चुनाव रोककर राजनीतिक दलों के लिए बाहर से प्रभाव डालना संभव नहीं होगा। छात्रों के लिए संघ हैं। वे जिम्मेदार हैं।

कलकत्ता मेडिकल कॉलेज में सोमवार से यही स्थिति है। छात्रों का दावा है कि पिछला छात्र परिषद चुनाव 2016 में हुआ था। तब मतदान नहीं हुआ था। छात्रों ने शिकायत की कि 22 दिसंबर को छात्र परिषद के चुनाव दिवस की घोषणा की गई थी।

छात्र चुनाव की घोषणा को लेकर मेडिकल के छात्रों ने प्रधानाध्यापक के घर के सामने धरने पर बैठ गये। इस बीच छात्रों के विरोध से मेडिकल कॉलेज परिसर में हड़कंप मच गया।

नर्सिंग स्टॉफ भी प्रदर्शन शुरू कर दिया। नर्सिंग अधीक्षक शर्मिष्ठा चक्रवर्ती घेराव में फंस गई हैं। विभिन्न वार्डों के नर्सिंग स्टाफ ने उनकी रिहाई की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया।

छात्रों के प्रदर्शन से चिकित्सा सेवाएं हुई प्रभावित

सोमवार रात से जिस कॉरिडोर में छात्राएं बैठी थीं, आज सुबह नर्सों ने भी धरना शुरू कर दिया। दोनों पक्षों के बीच तीखी नोकझोंक भी शुरू हो गई। हालांकि आंदोलनकारी छात्रों के मुताबिक वे नर्सिंग अधीक्षक को रिहा करने को तैयार हैं। लेकिन खुद नर्सिंग अधीक्षक नहीं जाना चाहती।

संकटग्रस्त डॉक्टरों के लिए सुबह-सुबह रक्तचाप मापने के उपकरण, स्टेथोस्कोप ले जाया गया। इस बीच, आंदोलनकारी छात्रों की मांग है कि छात्र चुनाव रोककर राजनीतिक दलों के लिए बाहर से प्रभाव डालना संभव नहीं होगा। छात्रों के लिए संघ हैं। वे जिम्मेदार हैं।