Republic Day Parade: पश्चिम बंगाल की झांकी में दिखी दुर्गा पूजा की झलक
दुर्गापूजा उत्सव यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल है
नयी दिल्ली/कोलकाताः राष्ट्रीय राजधानी में गुरुवार को गणतंत्र दिवस समारोह की परेड में निकाली गई पश्चिम बंगाल की झांकी में दुर्गा पूजा की समृद्ध विरासत की झलक देखने को मिली।
कर्तव्य पथ पर निकाली गई इस झांकी में लाल रंग के बॉडर वाली सफेद की रंग की साड़ी पहने महिलाओं, ढाक और धुनुची ने लोगों का ध्यान खींचा तथा इसमें प्रदेश की कला और संस्कृति को भी खूबसूरती के साथ दर्शाया गया।
पश्चिम बंगाल की झांकी में वही पारंपरिक पंडाल देखने को मिला जो हर साल दुर्गा पूजा में बनाया जाता है। दुर्गा पूजा पश्चिम बंगाल का सबसे बड़ा पर्व है।
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कोलकाता का दुर्गापूजा उत्सव यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल है। झांकी में कई कलाकार ढाक बजाते हुए और कुछ धुनुची को घुमाते हुए दिखे।
इनमें ज्यादातर महिलाएं थीं. इस झांकी की तैयारी के दौरान एक अधिकारी ने बताया था, झांकी में देवी दुर्गा की पारंपरिक प्रतिमा होगी, जिसके साथ देवी लक्ष्मी, सरस्वती और भगवान कार्तिकेय तथा गणेश की प्रतिमाएं भी होंगी। देवी दुर्गा महिला सशक्तिकरण का प्रतीक हैं।
परेड में हुई 23 झांकियां शामिल
गणतंत्र दिवस पर कर्तव्य पथ पर होने वाली पारंपरिक परेड में इस साल कुल 23 झांकियां शामिल हुईं. जिनमें से 17 राज्यों और संघ शासित प्रदेशों से थीं. जबकि बाकी अन्य मंत्रालयों और विभागों से हैं। सभी झांकियों ने देश की जीवंत और विविधता भरी संस्कृति को दिखाया। इनमें से ज्यादातर की थीम नारीशक्ति है।
पिछले साल केंद्र ने किया था बंगाल की झांकी को मना
जानकारी के मुताबिक केन्द्र सरकार ने 2022 के गणतंत्र दिवस समारोह में बंगाल की झांकी डालने से साफ मना कर दिया था। पिछले साल बंगाल ने नेताजी सुभाष चन्द्र बोस और उनकी इंडियन नेशनल आर्मी पर आधारित झांकी तैयार की थी, लेकिन केंद्र ने पिछले साल पश्चिम बंगाल के प्रस्ताव को दिशा-निर्देशों के अनुरूप नहीं होने के कारण ठुकरा दिया था। इस इंकार के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने फैसले का विरोध करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भी लिखा था .