राहुल की यात्रा के बीच नरेंद्र सलूजा ने थामा कमल

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के समर्थक थे सलूजा

भोपालः  कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की मध्यप्रदेश में भारत जोड़ो यात्रा के तीसरे दिन  शुक्रवार को  पूर्व सीएम कमलनाथ और कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। कमलनाथ के पूर्व मीडिया समन्वयक नरेंद्र सिंह सलूजा ने यहां प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान की मौजूदगी में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का दामन थाम लिया।

बीजेपी में शामिल होने के बाद सलूजा ने कहा कि वे कई वर्षों से कमलनाथ से जुड़े हुए हैं। पिछले पांच वर्षों से उनके मीडिया समन्वयक के तौर पर भी कार्य कर रहे थे। तब उनसे अनेक लोग कहते थे कि उन्हें कमलनाथ का साथ नहीं देना चाहिए। वे सिख विरोधी दंगों के दोषी हैं।

उन्होंने सिखों के खिलाफ भीड़ का नेतृत्व किया है। शुरूआत में तो वे मानते थे कि आरोप राजनीति से प्रेरित हैं लेकिन हाल ही में एक कीर्तनकार द्वारा सच्चायी बताए जाने के बाद से उनका मन परिवर्तित हुआ है।

सलूजा ने कहा कि पहले वे ये सब बातें सत्य नहीं मानते थे लेकिन हाल ही में जब इंदौर में 8 नवंबर को खालसा कॉलेज में कमलनाथ के सार्वजनिक सम्मान के बाद प्रसिद्ध कीर्तनकार मंजीत सिंह कानपुरी ने मंच से ही कमलनाथ का विरोध किया और उनके बारे में सच्चायी बतायी, तो उनका मन और दिल कांग्रेस और कमलनाथ से टूट गया।

उस दिन से उन्होंने कमलनाथ से न तो बात की और न ही उनके संबंध में कोई बयान जारी किया। उन्होंने कहा कि अब वे कमलनाथ के खिलाफ पूरे प्रदेश में सिख समुदाय को एकजुट करेंगे और उनके बारे में सच्चायी बताएंगे।

उन्होंनेकहा कि वे राहुल गांधी से भी कमलनाथ के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हैं। राहुल गांधी भारत जोड़ों यात्रा पर निकले हैं लेकिन वे अपने साथ कमलनाथ को भी रखे हुए हैं, जिन्होंने दिल्ली में रकाबगंज गुरुद्वारे के पास सिखों के खिलाफ भीड़ का नेतृत्व किया था।

सलूजा ने कहा कि इंदौर के खालसा कॉलेज विवाद के बाद उन्हें सच्चायी का पता चला और वे तब से कमलनाथ के संपर्क में नहीं हैं।

सलूजा ने कहा कि दरअसल 8 नवंबर की घटना के बाद उनपर दबाव डाला गया था कि वे कमलनाथ के खिलाफ बयानबाजी करने वाले कीर्तनकार के विरोध में बयान दें लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया क्योंकि अनेक सिख नेताओं ने उन्हें कमलनाथ के बारे में बताया है और वे सिख विरोधी दंगों के लिए जिम्मेदार हैं। सलूजा ने कमलनाथ को उनके किए की सजा मिलना ही चाहिए।

सालूजा के बीजेपी में शामिल होने पर प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट भी किया।

एक सवाल के जवाब में सलूजा ने कहा कि वे बीजेपी में बगैर शर्त आए हैं और उन्हें जो भी भूमिका दी जाएगी, उसका वे निर्वहन करेंगे। उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी, बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व, सीएम शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा के नेतृत्व की भी प्रशंसा की और कहा कि वे पार्टी की रीति नीति से प्रभावित होकर पार्टी में आए हैं।

आपको बता दें कि सलूजा मूल रूप से इंदौर निवासी हैं और वे राज्य में वर्ष 2018 मई जून में कमलनाथ को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के साथ ही प्रदेश के राजनैतिक पटल पर सामने आए थे। वे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के मीडिया समन्वयक के रूप में प्रारंभ से करते आ रहे हैं।

कमलनाथ के मुख्यमंत्री पद पर रहने के दौरान भी सलूजा ही उनका मीडिया संबंधी कार्य देखते थे। वे कमलनाथ को प्रत्येक वर्ष जन्मदिन पर सरोपा भी भेंट करते थे लेकिन इस बार कमलनाथ से जन्मदिन पर उन्होंने मुलाकात भी नहीं की। पिछले कुछ दिनों से खबरें आ रही थीं कि कमलनाथ और सलूूजा के बीच सबकुछ ठीक नहीं है।

इस बीच राजनैतिक विश्लेषकों का मानना है कि राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी बीजेपी सलूजा का इस्तेमाल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के खिलाफ एक प्रभावी ‘हथियार’ के रूप में कर सकती है। सलूजा के बहाने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को भी बीजेपी प्रभावित कर सकती है।

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सलूजा अब सत्य के साथ : पाराशर

बीजेपी की मध्यप्रदेश इकाई के मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के पूर्व मीडिया समन्वयक नरेंद्र सिंह सलूजा के पार्टी में शामिल होने के बाद कहा कि इस घटना को लेकर  बीजेपी ने कांग्रेस को कोई झटका नहीं दिया है, बल्कि सलूजा को उनकी आत्मा ने झकझोर दिया है, इसलिए वे ‘सत्य’ के साथ आ गए।

मुख्यमंत्री निवास में सलूजा की मौजूदगी में पाराशर ने कहा कि इंदौर में खालसा कालेज की 8 नवंबर की घटना के बाद से सलूजा का मन और दिल बेहद आहत है। इसलिए अब वे सत्य के साथ आ गए हैं और यह बीजेपी के लिए प्रसन्नता की बात है।

पाराशर ने कहा कि अब सलूजा दमदारी से ‘टुकड़े टुकड़े’ गैंग का नेतृत्व करने वाले लोगों द्वारा निकाली जा रही भारत जोड़ो यात्रा का भी विरोध करेंगे। निश्चित तौर पर देश में 1984 में सिखों के खिलाफ हुए दंगों के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होना चाहिए।

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