कारोबारी अमित अग्रवाल व विष्णु अग्रवाल के ठिकानों पर ईडी का छापा

नेताओं-नौकरशाहों के काले धन को सफेद बनाने पर शक

रांचीः रांची के बरियातू स्थित सेना के कब्जे वाली 4.55 एकड़ जमीन की खरीद-बिक्री मामले में मनी लांड्रिंग के तहत जांच कर रही ईडी ने शुक्रवार की सुबह से ही कोलकाता के कारोबारी अमित अग्रवाल व एक अन्य व्यवसायी विष्णु अग्रवाल के ठिकानों पर छापेमारी शुरू की है।

व्यवसाई अमित अग्रवाल फिलहाल न्यायिक हिरासत में है। उन्हें ईडी ने अधिवक्ता राजीव कुमार को 50 लाख रुपये देकर फंसाने के मामले में जांच के बाद गिरफ्तार की थी।

अमित अग्रवाल पर ईडी को शक है कि उसने बड़े नेताओं-नौकरशाहों के काले धन को सफेद बनाने के लिए जमीन की खरीद-बिक्री में भी निवेश किया है। यही वजह है कि ईडी ने अब रांची के कई अन्य बड़े जमीन की खरीद-बिक्री मामले को मनी लांड्रिंग के नजरिये से अनुसंधान के अधीन रखा है।

सेना के कब्जे वाली जमीन का मामला भी इसी कड़ी का एक हिस्सा है।
जहां तक बात सेना के कब्जे वाली जमीन की खरीद-बिक्री का है तो इसमें फर्जीवाड़ा का खुलासा आयुक्त की जांच रिपोर्ट में पहले ही हो चुका है।

उक्त रिपोर्ट में यह बात सामने आ चुकी है कि प्रदीप बागची नामक व्यक्ति ने फर्जी रैयत बनकर जगत बंधु टी इस्टेट प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक दिलीप कुमार घोष को उक्त जमीन बेच डाली थी।

जमीन की खरीद-बिक्री के लिए रजिस्ट्री में प्रदीप बागची ने जिन होल्डिंग नंबर से संबंधित दो अलग-अलग कागजातों को लगाया था, वह जांच में फर्जी मिले थे, जिसके बाद रांची नगर निगम की ओर से भी बरियातू थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।

रांची नगर निगम के कर संग्रहकर्ता दिलीप शर्मा ने नगर आयुक्त के आदेश पर प्रदीप बागची के विरुद्ध जालसाजी के मामले में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि प्रदीप बागची ने फर्जी आधार कार्ड, फर्जी बिजली बिल, फर्जी पोजेशन लेटर दिखाकर दो-दो होल्डिंग ले लिया था। आयुक्त की जांच में सेना के कब्जे वाले जमीन का असली रैयत जयंत करनाड मिला था।

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