जामताड़ा गैंग को प्री- एक्टिवेटेड सिमकार्ड सप्लाई करने वाले गैंग का पर्दाफाश, 5 गिरफ्तार

सीईएससी का अधिकारी बनकर भेजा था मैसेज बिजली कनेक्शन काटने के नाम पर की थी 7.88 लाख की ठगी

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कोलकाता : बैंक कर्मचारी बनकर एटीएम का पिन नंबर लेकर ठगी हो या सीईएससी अधिकारी बनकर ऐप डाउनलोड करवाकर अकाउंट खाली करना, ऐसे कई ठगी की घटना को अंजाम देने वाले इस गैंग की पहचान है ‘जामताड़ा गैंग’। जामताड़ा गैंग ने ना सिर्फ कोलकातावासियों को बल्कि पूरे देश के लोगों को अपना शिकार बनाया है।

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जामताड़ा गैंग द्वारा की गयी ठगी के मामले की जांच में कोलकाता पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। कोलकाता पुलिस के पर्णश्री थाने की पुलिस ने जामताड़ा गैंग को प्री- एक्टिवेटेड सिमकार्ड और एटीएम कार्ड मुहैया करवाने वाले गैंग का पर्दाफाश किया और 5 लोगों को गिरफ्तार किया है। दरअसल, इसी सिमकार्ड के जरिए जामताड़ा में बैठकर ठग लोगों को फोन करते हैं और अपना शिकार बनाते हैं। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान संतोष कुमार सिंह (26), सजाउद्दीन अंसारी (33), शुभजीत माईती (23), तपन माईती (28) और दिलीप कुमार मंडल (24) के रूप में हुई है। संतोष कुमार सिंह हावड़ा के लिलुआ, सजाउद्दीन अंसारी देवघर, शुभजीत, तपन व दिलीप पूर्व मिदनापुर के मारीशदा के रहने वाले हैं। सजाउद्दीन के कब्जे से 11 सिमकार्ड और शुभजीत, तपन व दिलीप के कब्जे से 10 सिमकार्ड तथा 11 डेबिट कार्ड जब्त की गयी है।

ये है मामला

जानकारी के मुताबिक पर्णश्री थानांतर्गत सेंट्रल गर्वंनमेंट क्वार्टर के रहने वाले संतेश्वर बर्मन ने गत 10 अगस्त 2022 को थाने में शिकायत दर्ज करायी की कि सीईएससी अधिकारी बनकर एक व्यक्ति ने उसे फोन किया था और उसे एक ऐप इंस्टॉल करने को कहा था। उससे कहा गया था कि अगर वह ऐप डाउनलॉड नहीं करेगा तो उसका बिजली का कनेक्शन काट दिया जायेगा। उसके झांसे में आकर संतेश्वर बर्मन ने ऐप डाउनलोड कर लिया जिसके बाद ही उसका फोन हैक हो गया। इसके बाद उसे पता चला कि उसके अकाउंट से 7.88 लाख रुपये निकाल लिये गये हैं। इसका पता चलते ही संतेश्वर बर्मन ने पर्णश्री थाने में शिकायत दर्ज करवायी। शिकायत मिलने के बाद पुलिस मामले की जांच में जुट गयी।

ऐसे पहुंची पुलिस आरोपियों तक

पुलिस सूत्रों ने बताया कि जिस नंबर से फोन किया गया था, उस नंबर का सीएएफ (कस्टमर एप्लिकेशन फॉर्म) और सीडीआर निकाला गया। सीडीआर की जांच में संतोष कुमार सिंह का नाम सामने आया। उसे हावड़ा से गिरफ्तार किया गया। उससे पूछताछ के बाद पुलिस सजाउद्दीन तक पहुंची। सजाउद्दीन की भूमिका इस मामले में अहम है। सजाउद्दीन को देवघर से गिरफ्तार किया गया। उसके कब्जे से 11 सिमकार्ड बरामद किये गये जिसके जरिए लोगों को फोन किया जाता था। इसके साथ ही ये भी पता चला कि सजाउद्दीन प्री- एक्टिवेटेड सिमकार्ड व एटीएम कार्ड संतोष से खरीदता था और फिर उस सिमकार्ड को झारखंड में जामताड़ा गैंग को सप्लाई किया करता था। सजाउद्दीन ना सिर्फ जामताड़ा गैंग के लिए सिमकार्ड की व्यवस्था करता था बल्कि वह एटीएम व डेबिट कार्ड से रुपया भी निकाला करता था। इसके एवज में उसे जामताड़ा गैंग से अच्छा कमीशन भी मिला करता था। सजाउद्दीन की निशानदेही पर बाकी के तीन आरोपी शुभजीत, तपन व दिलीप को गिरफ्तार किया गया। इन तीनों से भी सजाउद्दीन प्री- एक्टिवेटेड सिमकार्ड खरीदा करता था। जांच में पता चला कि ये 5 आरोपी जामताड़ा गैंग के लिंकमैन के तौर पर काम करते थे। फिलहाल, पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है।