सम्मेद शिखर प्रकरण पर झारखंड सरकार ने केंद्र को लिखा पत्र

कहा, ​अधिसूचना में संशोधन कर नये से भेजें अनुशंसा

 

रांची : केंद्र सरकार ने झारखंड सरकार से सम्मेद शिखर मामले में 2019 में जारी किये गये नोटिफिकेशन में संशोधन कर फिर से अनुशंसा करने को कहा है। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के वन महानिदेशक चंद्रप्रदेश गोयल ने इस संबंध में राज्य सरकार को पत्र लिखा है।

राज्य सरकार को लिखे गये पत्र में कहा गया है कि राज्य सरकार द्वारा भेजी गयी अनुशंसा के आलोक में केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने पारसनाथ अभ्यारण्य को इको सेंसिटिव जोन (इएसजेड) घोषित किया था। इसके लिए दो अगस्त 2019 को गजट (एसओ-2795) प्रकाशित किया गया था।

गजट प्रकाशित होने के बाद से जैन समुदाय ने इस मामले को लेकर सौंपे अपने ज्ञापन में कहा था कि पारसनाथ अभ्यारण्य जैन समुदाय का पवित्र तीर्थस्थल है।

यहां इको टूरिज्म की गतिविधियों से जुड़े विकास कार्य किये गये हैं। इससे जैन समुदाय की धार्मिक भावनाएं आहत हुई है। जैन समुदाय की ओर से सौंपे गये ज्ञापन में पारसनाथ को इको सेंसिटिव जोन घोषित किये गये फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की गयी है। मंत्रालय को इससे संबंधित और भी ज्ञापन मिले हैं।

इन ज्ञपनों को राज्य सरकार के पास भेजा जा रहा है. राज्य सरकार ने 22 दिसंबर को भेजे गये अपने पत्र में सम्मेद शिखर की पवित्रता बनाये रखने के मामले में अपनी द इच्छाशक्ति जतायी है।  राज्य सरकार इन सपनों के आलोक में प्राथमिकता के आधार पर इको सेंसिटिव जोन के नोटिफिकेशन पर विचार कर आवश्यक संशोधन की अनुशंसा करे।

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