पीएम मोदी बोले, चुनाव में अभी 400 दिन बाकी हैं और समाज…
बीजेपी की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक संपन्न
नई दिल्लीः पीएम नरेंद्र मोदी ने चुनाव में अभी 400 दिन बाकी हैं और समाज के सभी वर्गों तक पहुंचा जाए। पीएम ने कहा कि 18-25 वर्ष की आयु के युवाओं ने पिछली सरकार के कुशासन को नहीं देखा है।
इस पीढ़ी को नहीं पता कि पहले की सरकारों ने किस तरह कदाचार और कुशासन से सरकार चलाया है और किस तरह हम देश को सुशासन से परिवर्तित करना है। इसलिए युवाओं में इसके बारे में जागरूकता पैदा की जानी चाहिए।
मंगलवार को नई दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी ( बीजेपी)) की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक संपन्न हुई। इस बैठक के दूसरे और अंतिम दिन पीएम मोदी ने संबोधन किया।
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि बॉर्डर पर स्थित गांवों के साथ संगठन का संपर्क ज्यादा होना चाहिए।
बैठक संपन्न होने के बाद महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने पीएम मोदी के संबोधन के बारे में मीडिया को जानकारी दी।
फडणवीस ने बताया कि पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि भारत के जीवन का सर्वोत्तम काल आ रहा है। ऐसे समय में मेहनत करें, अपने शरीर का कण-कण भारत की इस विकास गाथा में लगाएं। उन्होंन कहा कि भारत के इस सर्वोत्तम काल के साक्षी हम सब लोग बन सकते हैं।
फडणवीस ने कहा कि पीएम का संबोधन प्रेरक और भविष्य की राह दिखाने वाला था। पीएम ने कहा कि चुनाव में अभी 400 दिन बाकी हैं और समाज के सभी वर्गों तक पहुंचा जाए।
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पीएम ने कहा कि 18-25 वर्ष की आयु के युवाओं ने पिछली सरकार के कुशासन को नहीं देखा है। इस पीढ़ी को नहीं पता कि पहले की सरकारों ने किस तरह कदाचार और कुशासन से सरकार चलाया है और किस तरह हम देश को सुशासन से परिवर्तित करना है। इसलिए युवाओं में इसके बारे में जागरूकता पैदा की जानी चाहिए।
मोदी ने कहा कि सभी धर्मों के कमजोर तबके तक पहुंचना है। बोहरा, पसमंदा और पढ़े लिखे मुस्लिम तक हमें सरकार की नीतियां लेकर जानी हैं। अमृत काल को कर्तव्य काल में परिवर्तित करें।
उन्होंने कहा कि बीजेपी अब केवल एक राजनीतिक दल नहीं है बल्कि इसका रूपांतरण सामाजिक संगठन के तौर पर भी हुआ है। साथ ही पीएम ने कहा कि बॉर्डर पर स्थित गांवों के साथ संगठन का संपर्क ज्यादा होना चाहिए।
एक भारत श्रेष्ठ भारत के संकल्प को दोहराते हुए पीएम मोदी ने सभी राज्यों से कहा कि एक दूसरे के साथ समन्वय करें, एक दूसरे की भाषा और संस्कृति को अपनाएं।
‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ ने जैसे लिंग भेदभाव को दूर करने में सहायता की, उसकी तरह धरती माता की पुकार भी सुननी पड़ेगी। जलवायु परिवर्तन जैसे विषयों पर सरकार के साथ मिलकर चलना पड़ेगा।