बंगाल में टीईटी पर तेज हुई सियासत

बीजेपी और वाम मोर्चा का धरना और प्रदर्शन

कोलकाताः पश्चिम बंगाल में धरने पर बैठे शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को रात के अंधेरे में पुलिस ने जिस तरह से धरना मंच से हटा दिया उसे लेकर प्रदेश में सियासत तेज हो गयी है। शुक्रवार के बाद आज शनिवार को भी टीईटी मुद्दे पर विपक्षी राजनीतिक पार्टियों द्वारा धरना और प्रदर्शन जारी रहा।

जहां एक ओर महानगर कोलकाता के धर्मतल्ला स्थित गांधी मूर्ति के पास पिछले 587 दिनों से एसएससी अभ्यर्थियों का धरना चल रहा है। वहीं शनिवार को कोलकाता के उगनगरी विधाननगर में बीजेपी की ओर से प्रदर्शन किया गया।

दूसरी ओर, वाम मोर्चा के छात्र संगठनों द्वारा विभिन्न जिलों में जुलूस निकालकर प्रदर्शन किया गया।

आपको बता दें कि वर्ष 2014 में टीईटी उत्तीर्ण होने के बाद भी अभ्यर्थियों के नाम को मेधा सूची से हटा दिया गया था। इसके बाद इन अभ्यर्थियों ने कोलकाता के सॉल्टलेक स्थित पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के मुख्य कार्यालय के पास धरना शुरू किया था लेकिन गुरुवार की देर रात पुलिस ने यहां से धरने पर बैठे अभ्यर्थियों को हटा दिया था।

पुलिस ने दावा किया कि इस क्षेत्र में सीआरपीसी की धारा-144 लागू है। इसलिए वहां से सभी प्रदर्शनकारियों को हटा दिया गया लेकिन टीईटी अभ्यर्थियों को पुलिस ने बल प्रयोग कर जिस तरह से धरना स्थल से हटा दिया था उसे लेकर विपक्ष ने ममता सरकार की कड़ी आलोचना की। साथ ही कोलकाता से लेकर विभिन्न जिलों में बीजेपी, कांग्रेस और वाम मोर्चा ने जुलूस निकाले और धरना प्रदर्शन किया।

दूसरी ओर, कलकत्ता हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल कर धरना स्थल पर सीआरपीसी की धारा 144 लागू करने के एकल पीठ के आदेश को चुनौती दी गयी है। याचिकाकर्ताओं के वकील फिरदौस शमीम ने शनिवार को बताया कि अदालत 28  अक्टूबर को एकल पीठ के आदेश के खिलाफ अपील पर सुनवाई करेगी।

bjpEDUCATIONjobMAMATA BANARJEEtet