सेना दिवस के मौके पर बोले राजनाथ सिंह, हमारी सेना का नाम ही काफी

पिछले 10 साल में जो बदलाव हुआ, वो 100 में भी नहीं हुआ

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बेंगलुरुः रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सुरक्षा चुनौतियों में जो बदलाव हम पिछले 10 साल में देख रहे हैं, वो बदलाव पिछले 100 साल में भी नहीं हुए और अगर 100 साल में बदलाव देखें तो इतना बदलाव शायद एक हजार साल में भी नहीं हुआ होगा।

कर्नाटक के बेंगलुरु में भारतीय सेना के 75वां स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शामिल हुए थे। इस दौरान रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय सेना की जमकर तारीफ की।

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रक्षामंत्री ने कहा, मैं थल सेना दिवस पर, कर्नाटक की इस पावन भूमि से उन सभी महान विभूतियों को नमन करता हूँ, जिनके त्याग और बलिदान के कारण हमारे देश की संप्रभुता आज एक और अखंड है।

उन्होंने कहा कि यह आयोजन, फील्ड मार्शल करियप्पा को भी एक श्रद्धांजलि है, जो कि स्वयं कर्नाटक से संबंध रखते थे और उन्होंने आज़ाद भारत के प्रथम युद्ध में हमारी सेना का नेतृत्व किया था और सेना को सशक्त बनाने में अपना महत्त्वपूर्ण योगदान दिया था।

सिंह ने कहा, पिछले 75 वर्षों में भारतीय सेना क्षेत्रीय अखंडता सुनिश्चित करने के अपने दृढ़ संकल्प में अग्रणी रही है। कितनी भी चुनौतीपूर्ण, प्रतिकूल एवं कठिन परिस्थिति क्यों न हो, हमारे सैनिकों का धैर्य, और उनका इरादा सदैव अटल रहा है।

उन्होंने कहा कि कितनी भी चुनौती एवं कठिन परिस्थितियां हों, हमारे सैनिकों का धैर्य और इरादा सदैव अटल रहा है। रक्षामंत्री ने कहा कि अगर मैं ये कहूं कि हमारी सेना का केवल नाम ही काफी है तो ये कहना भी गलत नहीं है।

रक्षामंत्री ने कहा, भारतीय सेना ने पश्चिमी एवं उत्तरी सीमाओं के खतरों समेत देश के भीतर की तमाम चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना किया है। मैं कह सकता हूँ, कि यह हमारी सेना की, साहस, वीरता और बलिदान से समृद्ध हमारी परंपरा को बनाए रखने की प्रतिबद्धता के कारण संभव हुआ है।

सिंह ने कहा कि आजादी से लेकर अभी तक भारतीय सेना क्षेत्रीय अखंडता सुनिश्चित करने के अपने दृढ़ संकल्प में सदैव अग्रणी रही है। कितनी भी चुनौती एवं कठिन परिस्थितियां हो, हमारे सैनिकों का धैर्य और इरादा सदैव अटल रहा है।

रक्षामंत्री ने कहा कि हमारी सेना के बारे में अधिक क्या कहा जाए, हमारा देश जिन-जिन चीजों के लिए जाना जाता है, उसमें हमारी सेना प्रमुख है। अगर मैं ये कहूं कि हमारी सेना का केवल नाम ही काफी है तो ये कहना भी गलत नहीं है।

उन्होंने कहा, समय के साथ न केवल सुरक्षा चुनौतियों में परिवर्तन हो रहा है, बल्कि परिवर्तन की दर भी बहुत तेजी से बढ़ती जा रही है। यानी सुरक्षा चुनौतियों में जो बदलाव पिछले 10 वर्षों में हम देख रहे हैं, वह बदलाव पिछले 100 वर्षों के दौरान भी नहीं हुए थे।

सिंह ने कहा, पिछले कुछ समय में हमने राष्ट्र को सर्वोपरि रखते हुए, अनेक क्षेत्रों में जो ऊंचाइयां हासिल की है, वे निश्चित ही राष्ट्र में नए युग की घोषणा करती हैंI इस तरह राष्ट्र की प्रगति के एक नहीं, अनेक आयाम है, जिनमें हम तीव्र गति से प्रगति कर रहे हैं।

रक्षामंत्री ने कहा, यह सब हमारी मजबूत सुरक्षा व्यवस्था के कारण ही संभव हो पा रहा है। मुझे पूरा विश्वास है, कि आने वाले समय में हम अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा और अधिक सशक्त करने में सफल होंगे और उसी के अनुरूप हम अपनी समृद्धि भी बढ़ा पाने में कामयाब होंगे और विश्व के अग्रणी देशों में एक होंगे।