रांची : झारखंड कृषि उपज और पशुधन विपणन (संवर्धन और सुविधा) विधेयक के विरोध में लगातार चौथे दिनों से हड़ताल जारी रहा। वहीं, चैंबर ऑफ कॉर्मस की ओर से शनिवार को आधे दिन की बंदी का एलान किया गया था। जिसे 12 संगठनों ने समर्थन दिया है।
राजधानी रांची में इसका मिला जुला असर देखा गया। हालांकि प्रमुख व्यापारिक क्षेत्रों में बंद का असर रहा। जिसमे अपर बाजार, पंडरा बाजार समिति, रातू रोड आदि क्षेत्रों में बंद का असर देखा गया। इन इलाकों में दोपहर दो बजे तक व्यापार बंद रखा गया।
इससे पूर्व शुक्रवार को चैंबर व्यवसायियों ने कृषि मंत्री के आवास पर धरना दिया था। धरना के दौरान मंत्री बादल पत्रलेख ने व्यपारियों से मुलाकात की। जिसमे उन्होंने कहा कि व्यापार हित मे निर्णय लिया जायेगा। व्यापारियों की मांग सुनी जायेगी। हालांकि चैंबर ऑफ कॉमर्स बिल वापसी की मांग मे अड़ा है।
बंद करने वालों में रासमा, जेटा, गुड्स ट्रांस्पोर्ट एसोसिएशन, कोकर व्यापार संघ, लालपुर व्यापार संघ, झारखंड थोक वस्त्र विक्रेता संघ समेत अन्य ने समर्थन दिया है।
प्लाईवुड एसोसिएशन ने दिन भर व्यापार बंद रखा है। वहीं, इस आंदोलन को फल सब्जी, राइस फ्लोर मिलरों ने भी समर्थन दिया है। समर्थन देने वालों में आलू प्याज विक्रेता संघ, हरमू बाजार समिति, डेली मार्केट, हरमू फल मंडी, चुटिया फल मंडी का समर्थन है।
वहीं, रिटेलर खाद्यान्न दुकानों ने समर्थन दिया है. लेकिन इन दुकानों में राशन के साथ अन्य सेवाएं उपलब्ध होने के साथ अन्य सेवाएं मिलने के कारण इन्हें बंद नहीं किया जा सकता।
इधर, चौथे दिन भी राज्य के अलग अलग हिस्सों मे प्रदर्शन और धरना जारी रहा। राज्य की 28 बाजार मंडियां इस दौरान बंद है।
चैंबर ऑफ काॅर्मस की मानें तो सरकार को राज्य भर से करीब 200 से 250 करोड़ के राजस्व का नुकसान है। प्रमुख मांग विधेयक में निहित दो फीसदी शुल्क का विरोध है।
डेढ़ लाख व्यापारी हड़ताल में
हड़ताल में राज्य भर के डेढ़ लाख व्यापारियों का समर्थन है। इन व्यापारियों ने अपनी दुकानें भी बंद कर दी। सिर्फ, थोक खाद्यान्न व्यापारियों के आंकड़े की मानें तो अलग अलग मंडियों को मिलाकर इनकी संख्या लगभग 70 हजार है।
राजधानी रांची के अलावा दुमका, चाईबासा, सिमडेगा, गुमला, लोहरदगा, जमशेदपुर, हजारीबाग, रामगढ, चतरा, बोकारो, धनबाद, कोडरमा, गिरिडीह, दुमका, देवघर, गोड्डा, साहेबगंज, पाकुड, जामताडा, पलामू, गढ़वा, लातेहार में भी कृषि संबंधी थोक व्यवसाय की दुकानें एवं कृषि मंडियां बंद रही।