बंगाल में लड़कों की तुलना में लड़कियों का अनुपात कम

एसआरएस के रिपोर्ट से हुआ खुलासा, 1000 लड़कों पर 936 लड़कियां

कोलकाताः 2011 में हुई जनगणना के ताजा आंकड़े बुधवार को जारी किए गए, जिससे सामने आया है कि भारत के दो समुदाय सिख और जैन लिंगानुपात के मामले में सबसे पीछे हैं। राष्ट्रीय स्तर पर भी इसमें गिरावट देखी गई है, जिनमें पश्चिम बंगाल भी शामिल है। राज्य में लड़के की चाह और छोटे परिवार की सोच ने लड़कियों की संख्या में भारी गिरावट ला दी है।

नवीनतम नमूना पंजीकरण सर्वेक्षण (SRS) के अनुसार, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल सरकार को गिरती लड़कियों के अनुपात, प्रति 1,000 लड़कों पर पैदा होने वाली लड़कियों की संख्या के बारे में चेतावनी दी है।

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रिपोर्ट के अनुसार राज्य में 1000 लड़कों पर 936 लड़कियां हैं। 2020 में ये आंकड़ा 936 है, जो कि 2017 में यह आंकड़ा 944 था। मुस्लिम और ईसाई समुदाय में भी महिला-पुरुष लिंगानुपात में गिरावट देखी गई है।

ईसाई धर्म में लिंग अनुपात 964 से गिरकर 958 पर आ गया है, वहीं, मुसलमानों में 950 से कम हो कर 943 रह गया है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से एक आंकड़ा 27 दिसंबर को जारी किया गया है।

इन आंकड़ों को सभी राज्यों को भेज दिया गया, जिनमें पश्चिम बंगाल भी शामिल है। उन्होंने बताया कि आगर आंकड़ों पर नजर डाला जाए तो यह एक गंभीर मुद्दा है।

उन्होंने बताया कि आजकल लोग बच्चे के जन्म के पहले ही भ्रूण के लिंग की जांच करवा ले रहे हैं। इस बात को देखते हुए राज्य सरकार ने मौजूदा प्री-कॉन्सेप्शन एंड प्री-नेटल डायग्नोस्टिक टेक्निक्स एक्ट, 1994 के तहत भ्रूण के लिंग की जांच की घटनाओं की जांच के बारे में सतर्क हो गया है और जो प्रसव पूर्व लिंग निर्धारण पर सख्ती से प्रतिबंध लगा दिया है।

हालांकि, नवीनतम एसआरएस रिपोर्ट से, यह स्पष्ट है कि डॉक्टरों और डायग्नोस्टिक केंद्रों पर प्रतिबंध लगाने के बाद भी इस तरह के अवैध प्रसव पूर्व लिंग परीक्षण अभी भी कुछ इलाकों में चल रहे हैं।

उन्होंने बताया कि इसे रोका जाए। हमें लगता है कि अभी भी लोगों को इस बारे में जागरूक करने की जरुरत है। राज्य सरकार की ओर से जागरूकता के लिए कई तरह के कार्यक्रम भी आयोजित किए जाए।

proportion of girls is lower than that of boysUnion Ministry of Healthकेंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालयलड़कों की तुलना में लड़कियों का अनुपात कम