कोलकाता : पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस सत्ता पर आसीन है। 2024 लोकसभा चुनाव से पहले वो अपने दल का विस्तार करने को आतुर नजर आ रही है। टीएमसी का विशेष जोर उत्तर पूर्वी के राज्यों की तरफ है जिसमें मेघालय महत्वपूर्ण है। मेघालय में इसी वर्ष चुनाव होने है । हालांकि तारीखों की घोषणा नहीं हुई है । लेकिन तृणमूल कांग्रेस ने शुक्रवार को 60 विधानसभा सीटों में से 52 पर उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है। पार्टी के मेघालय प्रदेश अध्यक्ष चार्ल्स पिंगरोपे और संसदीय दल के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री और संसदीय दल के नेता मुकुल संगमा ने कहा कि बाकी आठ सीटों के लिए भी उम्मीदवारों के नामों की घोषणा जल्द की जाएगी ।
Today, we announced our first list of candidates for the upcoming Assembly Elections in Meghalaya.
With this much-anticipated announcement, we recommit to Meghalaya’s betterment and people’s welfare. pic.twitter.com/bWt3Yo03XR
— All India Trinamool Congress (@AITCofficial) January 6, 2023
52 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी
सोंगसाक निर्वाचन क्षेत्र से दो बार के विधायक मुकुल इस बार अपनी पुरानी सीट के साथ-साथ पूर्वी-गारो पहाड़ियों के टिकरीकिला से चुनाव लड़ेंगे। उधर, नोंगाथिम्मई विधानसभा क्षेत्र पिंग्रॉप से निवर्तमान विधायक फिर से वहां से चुनाव लड़े हैं। 52 लोगों की लिस्ट में मुकुल-पिंगरॉप समेत 9 निवर्तमान विधायकों के नाम शामिल हैं। इन सभी ने कांग्रेस के टिकट पर 2018 का विधानसभा चुनाव जीता था। अक्टूबर 2021 में तृणमूल में शामिल हुए। उस वक्त मुकुल के नेतृत्व में कुल 12 विधायक तृणमूल में शामिल हुए थे। लेकिन उनमें से तीन पहले ही पार्टी छोड़ चुके हैं।
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इसी वर्ष होने है चुनाव
फरवरी के अंत या मार्च की शुरुआत में त्रिपुरा और नागालैंड के साथ मेघालय में विधानसभा चुनाव होने हैं। सत्तारूढ़ एनपीपी के साथ-साथ तृणमूल, भाजपा और कांग्रेस सत्ता की दौड़ में हैं। बंगाल के बाहर मेघालय ही एकमात्र राज्य है जहां पर टीएमसी ने लोकसभा का चुनाव जीता है। 2004 के लोकसभा चुनाव में पीए संगमा ने राज्य की तुरा सीट से टीएमसी की ओर से जीत हासिल की थी । हालांकि 2005 में उन्होंने टीएमसी से इस्तीफा देते हुए एनसीपी का दामन थाम लिया था ।
आपको बताते चलें की टीएमसी 2024 लोकसभी चुनाव से पहले वो अपने संगठन की विस्तार कर रही है। खासककर उत्तर पूर्व के राज्यों में उसका विशेष ध्यान है। जिसमें त्रिपुरा और मेघालय महत्वपूर्ण है। इसके पहले गोवा और उत्तराखंड में भी टीएमसी ने चुनाव लड़ा था लेकिन उसको खास सफलता हाथ नहीं लगी थी ।