अणुव्रत की अनुपस्थिति से बीरभूम में कमजोर पड़ी TMC

उन्हीं के करीबी विप्लव ओझा ने छोड़ा टीएमसी का हाथ

215

बीरभूमः मवेशी तस्करी मामले में तृणमूल कांग्रेस (TMC) के बीरभूम जिला अध्यक्ष अणुव्रत मंडल अभी जेल में बंद हैं। अणुव्रत की गिरफ्तारी के बाद से बीरभूम जिले में टीएमसी का राजनीतिक प्रभाव कमजोर पड़ता दिख रहा है।

ऐसी स्थिति में अगले साल होने वाले पंचायत चुनाव से पहले जिले में टीएमसी को फिर झटका लगा है। अब अणुव्रत के करीबी माने जाने वाले बीरभूम टीएमसी जिला उपाध्यक्ष विप्लव ओझा ने मंगलवार को पार्टी से इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया।

इसे भी पढ़ेः तीन दिनों तक राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में किया जाएगा मॉक ड्रिल

विप्लव ने टीएमसी के खिलाफ नाराजगी जाहिर करते हुए आरोप लगाया कि उनकी पार्टी में लगातार एक साल से अवहेलना की जा रही है। ओझा ने कहा कि उनके लिए इस तरह से लंबे समय तक पार्टी में रहना संभव नहीं है। इसलिए वह टीएमसी से इस्तीफा दे रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक टीएमसी से इस्तीफा देने की घोषणा करने वाले विप्लव ओझा को बीजेपी में शामिल होने का प्रस्ताव दिया गया है।

आपको बता दें कि विप्लव ओझा ने वर्ष 2009 में कांग्रेस छोड़कर टीएमस का हाथ थामा था। उस समय ओझा नलहाटी नगर पालिका के अध्यक्ष थे। लेकिन उनके पार्टी छोड़ने के बाद इस पालिका पर टीएमसी का कब्जा हो गया। ओझा वर्ष 2012 तक उस नगर पालिका के अध्यक्ष बने रहे।

उसके बाद विप्लव नलहाटी विधानसभा से भी टीएमसी प्रत्याशी थे। बाद में पार्टी ने उन्हें संगठन का जिला उपाध्यक्ष बनाया लेकिन अब विप्लव ने टीएमसी से नाता तोड़ने का ऐलान किया है।