गिरिडीह : गिरिडीह के भेलवाघाटी थाना पुलिस को दस दिनों के भीतर तीन बड़ी सफलता मिली है। गुरुवार को भेलवाघाटी पुलिस ने एक 57 वर्षीय नक्सली महेंद्र गुप्ता को दबोचने में सफलता पायी। हालांकि इसके पास से पुलिस ने कोई हथियार तो बरामद नहीं किया, लेकिन डीएसपी संजय राणा की मानें तो महेंद्र गुप्ता एक कुख्यात नक्सली है और उम्र के इस पड़ाव में भी यह कई बड़े नक्सली रमेश मंडल, सुरंग यादव के दस्ते के सक्रिय नक्सली के रूप में कार्य कर रहा था। भेलवाघाटी थाना पुलिस ने इस वृद्ध नक्सली महेंद्र को बोकारो के जरीडीह थाना की एक बस्ती भूतपूर्व इलाके से गुरुवार को गुप्त सूचना के आधार पर दबोचा। इसकी गिरफ्तारी में भेलवाघाटी थाना प्रभारी प्रशांत कुमार की भूमिका महत्पूर्ण बतायी जा रही है। पुलिस के अनुसार गिरफ्तार नक्सली महेंद्र गुप्ता जमुई के चरकापत्थर के बहरवागड़ी गांव का रहनेवाला है। पुलिस की मानें तो महेंद्र गुप्ता पिछले कई सालों से फरार चल रहा था। इसके खिलाफ भेलवाघाटी थाना में चिलखारी नरसंहार का केस दर्ज है। साल 2007 के 26 अक्टूबर की रात पूर्व सीएम बाबूलाल के बेटे अनूप मरांडी समेत उन्नीस लोगों की हत्या का केस उस पर दर्ज है। इस घटना को जमुई और गिरिडीह के जोनल कमांडर चिराग के दस्ते ने अपने पचास साथियों के साथ मिल कर अंजाम दिया था। इसके बाद इस उम्रदराज नक्सली के खिलाफ इसी भेलवाघाटी थाना में एक और हत्याकांड और बिहार के जमुई के चरकापत्थर थाना में ही हत्या का केस दर्ज है। भेलवाघाटी और चरकापत्थर की अलग-अलग घटनाओं को इस नक्सली महेंद्र ने सिद्धू कोड़ा के साथ मिल कर अंजाम दिया था। चिराग की मौत जमुई और गिरिडीह पुलिस के साथ हुए इनकाउंटर के बाद महेंद्र कई महीनों तक सिद्धू कोड़ा के दस्ते के साथ जुड़ा रहा और जब सिद्धू कोड़ा की मौत भी इनकाउंटर में हुई, तो यह सुरंग और रमेश मंडल के दस्ते से जुड़ गया। वैसे चौदह साल बाद गिरिडीह पुलिस के हत्थे चढ़े इस नक्सली का संपर्क गिरिडीह जमुई के दुर्दांत एरिया कमांडर बशीर के साथ होना भी बताया जा रहा है। फिलहाल इस नक्सली महेंद्र की गिरफ्तारी ने गिरिडीह पुलिस को राहत दी है।