अर्जुन सिंह-दिब्येंदु अधिकारी बीजेपी की रथ पर

तृणमूल को दोहरा झटका

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कोलकाता, नयी दिल्ली, सूत्रकार : लोकसभा चुनाव से पहले पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस को शुक्रवार को दोहरा झटका लगा है। बैरकपुर से सांसद और बागी नेता अर्जुन सिंह के साथ एक और सांसद दिब्येंदु अधिकारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हो गए हैं।

दिल्ली के बीजेपी मुख्यालय में शाम 4:30 बजे इन दोनों की जॉइनिंग के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। यहां बीजेपी के केंद्रीय नेताओं की उपस्थिति में दोनों पार्टी में शामिल हुए।

शुभेंदु अधिकारी के भाई हैं दिब्येंदु

दिब्येंदु अधिकारी बंगाल भाजपा के दिग्गज नेता और विधनसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी के भाई हैं। पहले शुभेंदु अधिकारी भी तृणमूल में थे। दिब्येंदु अधिकारी पश्चिम बंगाल की तमलुक लोकसभा सीट से तृणमूल कांग्रेस के सांसद हैं। ये क्षेत्र अधिकारी परिवार का गढ़ माना जाता रहा है। हालांकि, इस बार ममता बनर्जी ने दिब्येंदु की जगह देवांशु भट्टाचार्य को तमलुक से तृणमूल उम्मीदवार बनाया है। इसी के बाद दिब्येंदु ने तृणमूल छोड़ने का फैसला किया है।

कौन है अर्जुन सिंह?

अर्जुन सिंह पश्चिम बंगाल के धाकड़ हिंदी भाषी नेताओं में से एक हैं। वह फिलहाल बैरकपुर से मौजूदा सांसद हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने बैरकपुर से ही बीजेपी के टिकट पर जीत दर्ज की थी। हालांकि 2021 में जब राज्य में पार्टी की सरकार नहीं बनी तो उन्होंने 2022 में तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया।

2019 के लोकसभा चुनाव से पहले भी वह तृणमूल कांग्रेस में ही थे और भाटपाड़ा से विधायक थे। हालांकि बीजेपी के टिकट पर 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार और पूर्व रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी को हराया था।

‘तृणमूल में मैं अपमानित हो रहा था’

इस बार 2024 के लोकसभा चुनाव में तृणमूल ने उन्हें टिकट नहीं दिया, जिसके बाद उन्होंने पार्टी के खिलाफ बागी तेवर अख्तियार कर लिया। उनकी जगह राज्य के मंत्री पार्थ भौमिक को जब टिकट दिया गया तो उन्होंने कहा था कि तृणमूल कांग्रेस ने बैरकपुर से मुझे सांसद का टिकट देने का वादा किया था। पार्टी ने वादा खिलाफी की है। इसके अलावा स्थानीय विधायकों से मेरे खिलाफ बयानबाजी करवाई जाती है। मैं अपमानित हूं, इसलिए बीजेपी में लौट रहा हूं।