गोवाहाटीः असम के मुख्यमंत्री ने बड़ा ऐलान करते हुए पूर्व सीजेआई और राज्यसभा के मौजूदा सांसद रंजन गोगोई को असम वैभव पुरस्कार देने की घोषणा की है। ये पुरस्कार असम का सर्वोच्च सम्मान है। गोगोई को ये सम्मान 16 जनवरी को दिया जाएगा।
आपको बताते चलें कि अयोध्या के राम मंदिर के उद्घाटन की घड़ी नज़दीक आ रही है। रंजन गोगोई के चीफ जस्टिस रहते ही राम मंदिर पर फैसला आया था। 40 दिनों की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की पीठ ने 9 नवंबर, 2019 को फैसला सुनाया था और 2.77 एकड़ की जमीन को हिन्दुओं के नाम करने का आदेश दिया था। इस तरह से 450 वर्षों से चले आ रहे विवाद का पटाक्षेप हुए और हिन्दुओं के सदियों पुराने संघर्ष का अंत भी। उस समय रंजन गोगोई देश के मुख्य न्यायाधीश हुआ करते थे, जिनकी अध्यक्षता में पीठ ने ये ऐतिहासिक फैसला सुनाया था।
असम के मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर कहा है कि ‘मुझे यह बताते हुए बेहद खुशी हो रही है कि असम सरकार माननीय संसद सदस्य और भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश, न्यायमूर्ति श्री रंजन गोगोई डंगोरिया को राज्य के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार असम बैभव से सम्मानित करेगी।
भारत के मुख्य न्यायाधीश के प्रतिष्ठित पद पर आसीन होने वाले उत्तर पूर्व के पहले न्यायाधीश होने के नाते, यह पुरस्कार न्याय वितरण का विस्तार करने और हमारे न्यायशास्त्र को समृद्ध करने के उनके असाधारण प्रयासों को मान्यता देता है’।
It is with great pleasure I share that the Government of Assam will confer Assam Baibhav, the State’s Highest Civilian award, to Hon’ble Member of Parliament and Former Chief Justice of India, Justice Shri Ranjan Gogoi dangoriya.
Being the first judge from the North East to… pic.twitter.com/Fj9ZvrKmwb
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) January 16, 2024