कोलकाता, सूत्रकार : राज्य विधानसभा में सोमवार से बजट सत्र शुरू होगा। सत्र 10 फरवरी तक चलेगा। हालांकि, सूत्रों के मुताबिक बजट आठ फरवरी को राज्य विधानसभा में पेश किया जा सकता है। लोकसभा चुनाव की पूर्व इस बार के बजट पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में लेखानुदान बजट पेश किया और अब राज्य का बजट पेश होने वाला है। इसको लेकर शुक्रवार को एक सर्वदलीय बैठक बुलायी गयी थी। भांगड़ का आईएसएफ विधायक नौशाद सिद्दीकी इस बैठक में शामिल हुए लेकिन बीजेपी विधायकों ने इसे टाल दिया।
इस बीच विधानसभा परिसर में बीजेपी विधायकों की गैरमौजूदगी को लेकर कानाफूसी भी सुनी गयी। हालांकि विधानसभा अध्यक्ष विमान बनर्जी ने कहा कि विपक्ष को सदन में रहना चाहिए। विपक्ष के बिना कोई राजनीति नहीं होती। मुख्य विपक्षी दल के लिए लगातार दो बैठकों को नजरअंदाज करना उचित नहीं था। अब राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी रेड रोड पर धरने पर बैठ गई हैं। खबर है कि रेड रोड पर धरना कार्यक्रम तीन फरवरी तक जारी रहेगा। ममता बनर्जी अगले हफ्ते नई दिल्ली जा सकती हैं। वहीं, राज्य विधानसभा का सत्र पांच फरवरी से शुरू हो रहा है। उस दिन मुख्यमंत्री सत्र में शामिल होंगी। इसके बाद उसी दिन कैबिनेट की बैठक करेंगी।
वहीं, बजट सत्र की शुरुआत में शोक प्रस्ताव लाया जाएगा। फिर सत्र ख़त्म हो जाएगा। इस सत्र में हावड़ा नगर निगम पर संशोधन विधेयक छह और सात फरवरी को राज्य विधानसभा में पेश किया जायेगा।
बजट गुरुवार आठ फरवरी को पेश किया जाएगा। नौ और 10 फरवरी को पेश किए गए बजट पर चर्चा की जाएगी। लोकसभा चुनाव सामने है, इसलिए उससे पहले राज्य की जनता के लिए किसी नए सेक्टर में पैसा आवंटित किया जाता है या नहीं, इस पर सबकी नजर है।
हालांकि, सूत्रों के मुताबिक इस साल के बजट में सरप्राइज होंगे। बताया जा रहा है कि बजट सत्र की शुरुआत राज्यपाल के अभिभाषण से होगी। हालांकि उनकी मौजूदगी को लेकर अभी भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
इसके अलावा आज विधानसभा की बैठक में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी समेत बीजेपी विधायक मौजूद नहीं थे। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष विमान ने कहा कि मैं अखिल भारतीय अध्यक्ष सम्मेलन में शामिल हुआ था। किसी भी राज्य अध्यक्ष ने यह नहीं कहा कि विपक्ष इतने लंबे समय तक विधानसभा से अनुपस्थित रहा।
ऐसी कोई मिसाल नहीं है। मैं चाहता हूं कि विपक्ष बना रहे। प्रधानमंत्री ने जो कहा उससे मैं सहमत हूं। सदन में विरोध होना चाहिए। विपक्ष के बिना कोई राजनीति नहीं होती। लोकतंत्र सुरक्षित नहीं है। विधानसभा की गरिमा बनाए रखने की जिम्मेदारी विपक्ष की भी है।