अतीक को मिले फांस : उमेश पाल की मां

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लखनऊ : मंगलवार को 17 साल पुरानें में उमेश पाल अपहरण मामले में सुनवाई करते हुए प्रयागराज की MP-MLA कोर्ट ने माफिया अतीक अहमद समेत 3 को दोषी करार दिया । भाई अशरफ समेत 7 आरोपियों को बरी कर दिया। इस केस में 11 लोग आरोपी थे, इसमें एक की मौत हो चुकी है। अतीक, खान सौलत और दिनेश पासी को कोर्ट ने आजीवन करावास की सजा सुनाई है। सजा ऐलान के साथ ही उमेश पाल की मां ने कहा है कि इससे हम संतुष्ट हैं लेकिन हत्या के मामले में भी आरोपी को सजा सुनाई जाए।

उन्होंने आगे कहा कि ‘हत्या के मामले में आरोपी अतीक को अदालत फांसी की सजा सुनाए। उन्होंने कहा कि अपहरण का केस मेरा बेटा शेर की तरह लड़ा। उन्होंने कहा कि अपहरण की तरह ही हत्याकांड के मामले पर भी अदालत फैसला करे और अतीक को फांसी हो।

उमेश की पत्नी ने कहा कि जज ने जो फैसला किया है उससे हम संतुष्ट हैं। लेकिन ये तो अपहरण का मामला है। लेकिन मैं अब सीएम योगी से निवेदन करूंगी मेरे पति के हत्या के मामले में भी न्याय दिया जाए। इस मामले में जो भी आरोपी है, वह चाहे अतीक हो या अशरफ या उसका लड़का, जब तक ये खत्म नहीं होंगे तब तक इनका आतंक चलता रहेगा।

17 साल पुराने मामले में हुई सजा
जिस मामले में अतिक को सजा हुई है वो दरअसल, 17 साल पुराना है। यह मामला बहुजन समाज पार्टी (BSP) विधायक राजू पाल के मर्डर केस से जुड़ा हुआ है. इस मर्डर केस के अहम गवाह उमेश पाल को 28 फरवरी 2006 में अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ ने उमेश पाल को किडनेप कराया था। कहा जाता है कि उमेश पाल को बुरी तरह मारने और पीटने और परिवार के लोगों को भी जान से मारने की धमकी देते हुए अदालत में हलफनामा दाखिल कराया था।
हालांकि जब सरकार बदली तो अतीक का वक्त भी बदला। मायावती सरकार आने उमेश पाल ने अतीक अहमद उसके भाई अशरद समेत 5 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी। लेकिन जब पुलिस ने जांच शुरू की 6 और लोगों के नाम भी सामने आए। जिसके बाद पुलिस ने अदालत में 11 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। जिनमें से 10 आरोपियों को अदालत ने आज मुजरिम करार दिया है।