मेट्रो विस्तार के लिए दक्षिणेश्वर स्काईवॉक तोड़ने की योजना पर फिरहाद का विरोध
विरासत को नष्ट करने का प्रयास: फिरहाद
कोलकाता, सूत्रकार : राज्य के शहरी विकास विभाग और कोलकाता नगर निगम के मेयर फिरहाद हकीम ने एक बार फिर केंद्र सरकार की नीतियों की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि मेट्रो रेल रामकृष्ण परमहंसदेव की विरासत को नष्ट करने की कोशिश कर रही है। दक्षिणेश्वर स्काईवॉक को किसी भी तरह से तोड़ा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार का तुगलकी धंधा चल रहा है। स्काईवॉक बनने के समय मेट्रो से एनओसी लिया गया था।
फिरहाद ने कहा कि स्काईवॉक के निर्माण को लेकर केएमडीए और मेट्रो के इंजीनियरों ने मिलकर फैसला लिया था। परियोजना की ड्राइंग भी केंद्र सरकार को दिया था। उस समय कहा गया था कि स्काईवॉक होने से कोई दिक्कत नहीं होगी। इसके बाद मैंने उनकी इजाजत से करोड़ों रुपये खर्च किए और स्काईवॉक बनाया। अब कहा जा रहा कि स्काईवॉक को ध्वस्त करो। इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है।
गौरतलब है कि कविसुभाष से दक्षिणेश्वर तक मेट्रो की संख्या बढ़ाने और आवाजाही को सुचारू करने के लिए अधिकारियों ने स्टेशन के विस्तारीकरण के बारे में योजना बनाई है। रेलवे ने इसके लिए लाइन की लंबाई बढ़ाने के लिए राज्य से जमीन मांगी है। अगर जमीन देनी पड़ी तो दक्षिणेश्वर स्काईवॉक का एक हिस्सा हटाना होगा। काफी हिस्से को तोड़ना पड़ेगा। इसलिए मेयर इससे सहमत नहीं हैं।
मेट्रो रेल के महाप्रबंधक पी उदयकुमार रेड्डी ने गत शुक्रवार को एक संवाददाता सम्मेलन में जमीन की आवश्यकता के संबंध में बात कही थी। लेकिन मेयर फिरहाद हकीम ने शनिवार को साफ कर दिया कि स्काईवॉक को किसी भी तरह से नहीं तोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि दिन-रात की कड़ी मेहनत के बाद इतना सुंदर स्काईवॉक बना है। अब कहते हैं तोड़ दो। मेट्रो रेल वहां से गुजरेगी। पहले क्यों नहीं कहा। क्या हम उस वास्तुकला को नष्ट कर देंगे जिसे हमने इतनी मेहनत से बनाया था? पहले ही कहना चाहिए था कि इस जगह ऐसा मत करो। इस स्थान पर मेट्रो रेल की परियोजना है।
बता दें कि केएमडीए द्वारा 60 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित 340 मीटर लंबा और 10.5 मीटर चौड़ा दक्षिणेश्वर स्काईवॉक का नवंबर 2018 में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोकार्पण किया था। स्काईवॉक 14 एस्केलेटर और चार लिफ्टों के माध्यम से रेलवे स्टेशन को दक्षिणेश्वर मंदिर के मुख्य द्वार से जोड़ता है।