सावधान! ज्येष्ठ अमावस्या के दिन भूलकर भी न करें यह काम

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कोलकाता /डेस्क : 19 मई 2023 को ज्येष्ठ अमावस्या है। कहते हैं अमावस्या की काली रात में बुरी शक्तियों का प्रभाव बढ़ जाता है। ऐसे में कुछ नियमों का पालन करना बेहद जरूरी है। शास्त्रों के अनुसार कोई भी अमावस्या की रात तंत्र साधना के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस दिन असुरी शक्तियां आम दिनों के मुकाबले ज्यादा सक्रिय रहती है। ऐसे में कमजोर दिन और इच्छा शक्तिवालों को श्मशान के आसपास भी नहीं भटकना चाहिए। इससे उन्हें मानसिक तौर पर परेशानियां झेलनी पड़ सकती है। बता दें कि ज्योतिष विद्या में चंद्रमा को मन का कारक माना जाता है। अमावस्या के दिन चंद्रमा दिखाई नहीं देता। वहीं जो लोग अति भावुक होते हैं, उनपर इस बात का सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ता है। इस दिन मन में किसी के लिए बुरे विचार नहीं लानी चाहिये कारण नकारात्मक शक्तियां ऐसे लोगों को जल्द प्रभावित करती है। इससे लोग सही-गलत में फर्क करने में असमर्थ हो जाते हैं और भारी नुकसान कर बैठते हैं। वहीं आज के दिन कुछ विशेष बातें जिसका ध्यान आज के दिन विशेष रूप से किया जाना चाहिये।

यह चीजें भूलकर भी न करें-
1. अमावस्या के स्वामी पितृदेव हैं। इस दिन परिवार को पितरों के प्रति समर्पित रहना चाहिए। इस दिन पति-पत्नी को शारीरिक संबंध नहीं बनाना चाहिए। मान्यताओं के अनुसार इससे कुल में दिक्कतें आ सकती है। वंश वृद्धि से संबंधित परेशानियों से गुजरना पड़ता है।

2. इस दिन मांस और नशीली चीजों का सेवन बिल्कुल नहीं करनी चाहिये। ऐसा करने से पितृदोष लगता है। पितृ दोष के कारण संतान प्राप्ति, धन, और नौकरी में संकट होती। साथ ही वैवाहिक जीवन उथल-पुथल होती है।

3.ज्येष्ठ अमावस्या को शनि देव के जन्मोत्सव पर मनाया जाता है। ऐसे में गरीबों, असहाय, लोगों को परेशान नहीं करना चाहिये। इससे शनि का प्रकोप झेलना पड़ सकता है।

4. इस दिन सुबह देर तक नहीं सोना चाहिये। घर में विवाद नहीं करना चाहिये। इससे पूर्वजों की आत्मा को कष्ट होता है। साथ ही नाखुन नहीं काटनी चाहिये व बाल न धोना चाहिये।

वहीं कुछ ज्योतिष उपाय हैं जिसे करने से शनिदेव की विशेष कृपा होती है। इन उपायों से शनिदेव के साथ-साथ पितृों का भी आशिर्वाद प्राप्त होता।

ऐसे मिलेगा पितृों का आशिर्वाद-

1. ज्येष्ठ अमावस्या पर पितरों की पूजा करना काफी शुभ माना जाता है। इस दिन तर्पण करने से पितृ दोष खत्म हो जाते हैं। यदि पितरों का आशीर्वाद लेना हो तो इस दिन गेहूं, चावल, जौ, चना, तिल, मूंग दाल समेत सात अन्न का दान जरूर करना चाहिये।

2. पीपल की पूजा को इस दिन शुभ माना जाता है, इसीलिए ज्येष्ठ अमावस्या पर पीपल के पेड़ पर सूत बांधें और कच्चा दूध चढ़ाएं।

3.कुत्तों, कौवों और गायों को भोजन करवाना अच्छा होता है। पक्षियों को पानी पिलाने से पितर खुश होते हैं और सभी कष्ट दूर कर देते हैं।

4.इस दिन शनि जयंती भी है तो पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं और दीपक जलाकर भगवान से प्रार्थना करें और काले तिल का दान करने चाहिये। बता दें कि ज्येष्ठ अमावस्या के दिन अगर आप संतान की इच्छा के साथ व्रत करते हैं तो मनोकामना पूर्ण होती है।