गंगासागर में गरमाया अयोध्या का मुद्दा

समारोह के बावजूद यूपी से आए तीन गुना ज्यादा तीर्थयात्री : अरूप विश्वास

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कोलकाता, सूत्रकार : गंगासागर में मकर संक्रांति पर पुण्य स्नान की पावन बेला में अयोध्या का मुद्दा अचानक गरमा गया। गंगासागर मेले के आयोजन का दायित्व प्राप्त बंगाल के खेल मंत्री अरूप विश्वास ने रविवार को दावा करते हुए कहा कि अयोध्या में आगामी 22 जनवरी को रामलला का प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम होने के बावजूद इस बार उत्तर प्रदेश से तीन गुना अधिक तीर्थयात्री गंगासागर पहुंचे हैं। हालांकि, उन्होंने इसका कोई आंकड़ा पेश नहीं किया।

क्या कुछ बोले शोभनदेव चट्टोपाध्याय?

वहीं, मेले के आयोजन का दायित्व प्राप्त एक और मंत्री (कृषि एवं संसदीय कार्य) शोभनदेव चट्टोपाध्याय ने कहा कि उनकी कुछ ऐसे तीर्थयार्थियों से मुलाकात हुई है, जिन्होंने अयोध्या जाने के बजाय गंगासागर आकर पुण्य स्नान करने को ज्यादा महत्व देने की बात कही है। दूसरी तरफ भाजपा की बंगाल इकाई ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।

प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता शमिक भट्टाचार्य ने कहा कि ममता के मंत्रियों का दिमाग खराब हो गया है इसलिए वे अनाप-शनाप बोल रहे हैं। यह दरअसल अल्पसंख्यकों को खुश करने का उनका एक और प्रयास है। वे उन्हें यह संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं कि वे मंदिर नहीं, बल्कि मस्जिद के साथ हैं।

अयोध्या नहीं जाएंगे पुरी पीठ के शंकराचार्य

इससे पहले शाही स्नान करने गंगासागर पहुंचे पुरी पीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी महाराज ने प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में राजनीतिक दखलदारी की ओर इशारा करते हुए दोहराया था कि वे 22 को अयोध्या नहीं जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा था कि अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा शास्त्र सम्मत विधि से होनी चाहिए।

उल्लेखनीय है कि गंगासागर का कपिल मुनि मंदिर हनुमानगढ़ी, अयोध्या के प्राधिकार क्षेत्र में आता है। कपिल मुनि मंदिर के महंत ज्ञानदास जी महाराज ने इस पर अब तक कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की है। गंगासागर में सेवा शिविर लगाने वाली संस्थाओं का कहना है कि प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम होने के कारण कम तीर्थयात्री पहुंचे हैं।