हैदराबाद: अयोध्या में श्री राम मंदिर(Ram Mandir) का काम बहुत जोर-शोर से चल रहा है। एक अनूमान के मुताबिक राम मंदिर 2024 तक बनकर तैयार हो जाएगा। लंबे इंतजार के बाद कोर्ट ने मंदिर के पक्ष में फैसला सुनवाया था जिसे दोनों पक्षों ने स्वीकार किया था । लेकिन कुछ नेता इस मुद्दे को छोड़ने के मूड में नजर नहीं आ रहे हैं। वे लगातार इसको लेकर भड़कांऊ बयान देते रहते हैं । और भड़काँऊ बयान देने के मामले में सबसे पहले किसी नेता का नाम आता है तो वह है ओवैसी। राम मंदिर को लेकर उन्होंने बयान देते हुए कहा कि छह दिसंबर भारतीय लोकतंत्र के लिए हमेशा ‘काला दिन’ रहेगा।
बाबरी मस्जिद को हम कभी नहीं भूलेंगे, इंशा'अल्लाह। बैरिस्टर @asadowaisi सहाब @aimim_national pic.twitter.com/jrpVBUBIWu
— Rizwana Khan (@RizwanaKhanMIM) December 6, 2022
क्या कहा ओवैसी ने
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख एवं हैदराबाद से लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने मंगलवार को बाबरी मस्जिद के विध्वंस को ‘अन्याय का प्रतीक बताते हुए कहा कि छह दिसंबर भारतीय लोकतंत्र के लिए हमेशा ‘काला दिन’ रहेगा। ओवैसी ने माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर कहा,“बाबरी मस्जिद’ की अपवित्रता और विध्वंस अन्याय का प्रतीक है।”
उन्होंने आगे कहा कि ‘ बाबरी मस्जिद के विनाश के लिए जिम्मेदार लोगों को कभी दोषी नहीं ठहराया गया। उन्होंने कहा,“हम इसे नहीं भूलेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि आने वाली पीढ़ियां भी इसे याद रखें।’
6th December will forever remain a Black Day for Indian democracy. The desecration and demolition of #BabriMasjid is a symbol of injustice. Those responsible for its destruction were never convicted. We will not forget it & we will ensure that future generations remember it too pic.twitter.com/6T4LRRDmYf
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) December 6, 2022
हैदराबाद में मनाया जा रहा है काला दिवस
आपको बता दें कि हैदराबाद में आज बाबरी मस्जिद विध्वंस की 30वीं बरसी मनाई जा रही है और कई शैक्षणिक संस्थानों ने ‘काला दिवस’ के रूप में अवकाश घोषित किया है।
6 दिसंबर को गिराया था मस्जिद
विवादित स्थल पर बनी बाबरी मस्जिद को 6 दिसंबर के दिन गिराया गया था। जब राम मंदिर की सांकेतिक नींव रखने के लिए उमड़ी भीड़ ने बाबरी मस्जिद ढहा दी थी। इस घटना के बाद देश के कई इलाकों में सांप्रदायिक दंगे भड़क उठे, जिनमें जान और माल का भारी नुकसान हुआ। वैसे तो 6 दिसंबर 1992 के दिन की शुरूआत साल के बाकी दिनों की तरह सामान्य ही थी। लेकिन अचानक से भीड़ ने उग्र होकर मस्जिद की गुंबद गिरा दी थी।
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