नई दिल्लीः 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला विराजमान हो जायेंगे। पीएम मोदी खुद मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में हिस्सा लेने जायेंगे। एक तरफ देश और दुनिया के करोड़ो राम भक्तों में खुशी का माहौल है तो दूसरी तरफ बहुत से ऐसे लोग हैं जिनको राम मंदिर पचता हुआ दिख नहीं रहा है उन्हीं में से एक नेता है ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने मुसलमानों से सिस्टमैटिक तरीके से बाबरी मस्जिद को छीनने का आरोप लगाया।
उन्होंने शनिवार 20 जनवरी राम जन्मभूमि मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के नैरेटिव को चुनौती देते हुए दावा किया, “बाबरी मस्जिद को सिस्टमैटिक ढंग से भारतीय मुसलमानों से छीन लिया गया था, जबकि वे वहां 500 साल से नमाज पढ़ रहे थे। जब कांग्रेस के जीबी पंत उत्तर प्रदेश के सीएम थे, तो रात के अंधेरे में मस्जिद के अंदर मूर्तियां रख दी गईं थीं और फिर उन्हें निकाला नहीं गया।”
VIDEO | "Those who call themselves secular…the Delhi CM, who is in (INDIA) alliance is saying that we will organise 'Sundarkand path' and 'Hanuman Chalisa' on every Tuesday in government schools. Do government schools have any religion?" says AIMIM chief @asadowaisi. pic.twitter.com/n7Pag6dAbF
— Press Trust of India (@PTI_News) January 20, 2024
उन्होंने ये सभी बातें कर्नाटक में एक संवाददाता सम्मेलन करते हुए कही। 6 दिसंबर 1992 को सुप्रीम कोर्ट से वादा करने के बाद बीजेपी और संघ परिवार ने मस्जिद को शहीद कर दिया। ओवैसी ने कहा कि जब विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) का गठन हुआ तब तो राम मंदिर नहीं था।
उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भी बयान दिया और कहा कि “मैंने यह फैसला आने के बाद कहा था कि इससे फैसले के बाद कई और मुद्दे ओपन हो जाएंगे। आज आप देख रहे हैं कि संघ परिवार हर जगह जाकर बोलता है कि यहां मस्जिद नहीं थी। मेरा मानना है कि अगर जीबी पंत मूर्तियां हटा देते या ताले नहीं खोले जाते तो क्या आज हमें यह दिन देखना पड़ता। हमारे सवाल के कोई जवाब नहीं दे रहे है।”