फिर तालाब से बरामद हुए बैलट बॉक्स, तृणमूल ने लगाया विपक्ष पर आरोप

राज्य मंत्री ने बताया साजिश

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कोलकाता : पंचायत चुनाव भले ही खत्म हो गए हों, लेकिन उसका प्रभाव अब तक है। पिछले कुछ दिनों में कई जगहों पर तालाबों से मतपत्र बरामद किये गये हैं। इन सबके बीच तृणमूल के नेता और राज्य मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक ने मतपत्रों की बरामदगी को लेकर एक नई थ्योरी पेश की है। राज्य के वन मंत्री ने दावा किया कि विरोधियों ने ही फर्जी मतपत्र छपवाकर उन्हें टिन के बक्सों में भरकर तालाब में फेंक दिया है। रविवार को हाबरा-1 ब्लॉक में एक कार्यक्रम में ज्योतिप्रिय मल्लिक ने कहा कि बीजेपी, सीपीएम, कांग्रेस के कुछ नेताओं ने टिन के डिब्बे बनवाए, डुप्लीकेट मतपत्र छपवाए और उन्हें पानी में फेंक दिया। इसके बाद फिर पुलिस को दिखा रहे है। दस तालाबों में से एक खास तालाब पुलिस को दिखाया जा रहा है और कहा जा रहा है कि वहां मतपत्र हैं।

गौरतलब है कि उत्तर 24 परगना के विभिन्न इलाकों में तालाबों से मतपत्र बरामद होने के आरोप लगे हैं। यहां तक ​​कि अशोकनगर के हाबरा-2 ब्लॉक के एक बूथ पर एक तृणमूल उम्मीदवार पर मतपत्र चबाने का भी आरोप है। ऐसे में राज्य मंत्री के इस तरह की टिप्पणी को लेकर जिले की राजनीति के अंदरूनी हलकों में काफी हंगामा मचा हुआ है। हालांकि ज्योतिप्रिय मल्लिक का कहना है कि यह किसी पार्टी की टिप्पणी नहीं है, यह राय उनकी निजी है। तालाब से मतपत्र बरामद होने के आरोपों से यह आशंका जताई जा रही है कि तृणमूल नेता के विरोधियों ने योजना बनाकर इन फर्जी मतपत्रों को छपवाया होगा।

हालांकि, ज्योतिप्रिय मल्लिक द्वारा इस तरह का संदेह जताने के बाद बीजेपी के बारासात संसदीय जिला अध्यक्ष तरूणकांति घोष ने पलटवार किया। उन्होंने तृणमूल पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर विपक्ष ऐसा कर सकता है तो चुनाव के दौरान इतनी हिंसा की क्या जरूरत थी? विपक्ष को बाहर निकालने की क्या जरूरत थी? काउंटिंग के दिन आरोप लगे कि कुछ लोगों ने बैलेट पेपर खा लिया और कुछ ने पानी में फेंक दिया तो ऐसे संदेह का आधार क्या है?