दिल्ली में 1 नवंबर से डीजल बसों पर पाबंदी

दूसरे राज्यों से आने वाले इन वाहनों को परमिशन

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दिल्ली में लगातार बढ़ रहे प्रदूषण पर रोकथाम के लिए डीजल बसों पर लगाम लगाने का ऐलान किया गया है । दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा है कि एक नवंबर से  अन्य राज्यों की डीजल बसें भी दिल्ली में एंट्री नहीं कर पाएंगी । गोपाल राय ने कहा कि यह निर्णय दिल्ली सरकार के विंटर एक्शन प्लान के तहत लिया गया है।

उन्होंने कहा कि पिछले साल 29 अक्टूबर को AQI 397 था और कल 325 था। इसमें सुधार हुआ है हम प्रदूषण की रोकथाम के लिए कोशिश कर रहे हैं।

दिल्ली में सर्दी की दस्तक के साथ ही प्रदूषण की समस्या बढ़ जाती है। इसे देखते हुए CAQM ने GRAP प्रणाली लागू की हुई है। दिल्ली में फिलहाल GRAP 2 लागू है। इसी को देखते हुए दिल्ली सरकार के ट्रांसपोर्ट विभाग ने एक सर्कुलर जारी कर 1 नवंबर से दिल्ली में हरियाणा, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल, राजस्थान और पंजाब से आने वाली डीजल बसों पर रोक लगा दी है, सिर्फ उन्हीं डीजल बसों, को इजाजत दी गई है जो बीएस6 कैटेगरी वाली हैं, इसके अलावा सीएनजी और इलेक्ट्रिक बसों की भी एंट्री बनी रहेगी।

दूसरे राज्यों की डीजल बसें फैला रहीं प्रदूषण

दिल्ली वाले इलेक्ट्रिक बसें चला रहे हैं, लेकिन दूसरे राज्यों की डीजल बसों से प्रदूषण फैल रहा है. हमारी केंद्र सरकार, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और हरियाणा सरकार से मांग है कि पूरे NCR रेंज में डीजल की प्रदूषण पैदा करने वाली बसों को रोका जाए. गोपाल राय ने भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोलते हुए कहा कि इतने सालों से इनकी राज्य सरकार है लेकिन अभी एक एक भी CNG या इलेक्ट्रिक बस नहीं खरीद पाई. वहीं पंजाब में पराली की घटना पर गोपाल राय ने कहा कि पंजाब में पहले की तुलना में पराली जलाने की घटनाएं कम हुई हैं।

अन्य राज्यों को दी जानकारी

आपको बता दें कि कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट के निर्देशों को ध्यान में रखते हुए गुरुवार को दिल्ली सरकार के ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने भी एक सर्कुलर जारी किया है और CAQM के आदेश की जानकारी पड़ोसी राज्यों हरियाणा, उत्तरप्रदेश और राजस्थान के परिवहन विभाग के प्रमुख सचिवों और ट्रासपोर्ट कमिश्नरों को भी दे दी गई है।