रांची : झारखंड एक अजीबो गरीब प्रदेश होता जा रहा है। जन सेवा के लिए बना लोकतंत्र भी तार – तार होता दिखाई दे रहा है। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता का अपने ही विभाग के कर्मचारी और अधिकारी को नहीं सुन रहें हैं, जिसके कारण विभागीय फाइल जलेबी बनती दिखाई दे रही है।
वर्तमान मामला कई जांच आदेशों का है :
ड्रग कंट्रोलर का आरोप स्थिर सहयोग नहीं कर रहा –
25 नवंबर 2021 को औषधि नियंत्रण विभाग का एक बड़ा मामला सामने आया। रांची सदर अस्पताल परिसर स्थित औषधि एवं खाद्य नियंत्रण कार्यालय से हजारों की दवाइयां व कंप्यूटर हार्ड डिस्क चोरी हो गयी। अनुमानित लागत करोड़ों रुपये में है। स्वास्थ्य मंत्री ने संज्ञान लेते हुए विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण सिंह को जांच के आदेश दिए थे। मंत्री ने मीडिया को यह भी बताया कि ड्रग कंट्रोलर रितु सहाय ने भी जांच करने की कोशिश की है। जब पुतली बिलुंग ने जांच कीरितु के साथ ही विश्वनाथ फार्मास्युटिकल, पंद्रा के खिलाफ भी जांच चल रही थी। जांच कमेटी ने रितु पर लगे आरोपों को सही पाया। रिपोर्ट की फाइल मंत्री बन्ना गुप्ता के पास गई। लेकिन, महीनों बाद भी फाइल कार्यालय में पड़ी है। मंत्री का जवाब… मैंने जांच के आदेश दिए थे। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी। इसे केंद्र सरकार को भेजा गया था। वहां से भी फाइल वापस कर दी गई है और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। इस पर जल्द फैसला लेंगे।
दवा को पुराने टेंडर के अनुसार 17 गुना की दर से खरीदा गया –
RIMS में नए टेंडर की मंजूरी के बावजूद, दवा को पुराने टेंडर के अनुसार 17 गुना की दर से खरीदा गया था। 2021 में एक नया टेंडर बाहर हो गया था, लेकिन एल -1 एजेंसी से नहीं खरीदकर, प्रबंधन ने 2019 में 7500 के लिए एल -1 कंपनी से 448 रुपये का कोलेस्ट्रॉल चेक खरीदा। इसमें एक जांच समिति भी बनाई गई थी। रिपोर्ट स्वास्थ्य मंत्री तक पहुंची। लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। मंत्री का जवाब … मुझे इस बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं है। मैं अधिकारियों से बात करने के बाद ही कुछ बता सकता हूं।
डॉक्टरों का भी मानना है कि स्वास्थ्य मंत्री हवा-हवाई बातें करते हैं –
बन्ना गुप्ता स्वास्थ्य विभाग के कप्तान हैं। लेकिन, झूठे वादों के कारण डॉक्टर उसे पसंद नहीं कर रहे हैं। पांच दिन पहले आईएमए और झासा की एक संयुक्त बैठक में डॉक्टरों ने कहा कि बन्ना गुप्ता केवल वादे कर रहे हैं। डॉक्टरों के हर कार्यक्रम में, यह कहा जाता है कि मैं डॉक्टरों के लिए चिकित्सा सुरक्षा अधिनियम को लागू करने जा रहा हूं। मैं नैदानिक स्थापना अधिनियम को लागू करने जा रहा हूं।
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