भाजपा-तृणमूल के लिए कठिन है बारासात लोकसभा सीट की डगरिया

भाजपा की तरफ से 20 लोगों ने बारासात सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई

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कोलकाता, सूत्रकार : देश में आगामी लोकसभा चुनाव का बिगुल बजने ही वाला है। इसको लेकर सभी राजनीति पार्टियों ने अभी से ही अपनी कमर कस ली है। हालांकि अभी तक किसी भी पार्टी की ओर से अपने उम्मीदवारों के बारे में जानकारी नहीं दी जा रही है। भाजपा इस बार बंगाल पर ज्यादा फोक्स कर रही है।

हालांकि भाजपा के लिए बंगाल में लोकसभा चुनाव आसान नहीं होगा। 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के लिए सबसे मुश्किल राज्यों में पश्चिम बंगाल शामिल है। बंगाल में सत्ता की हैट्रिक लगा चुकीं सीएम ममता बनर्जी विपक्षी गठबंधन इंडिया का अहम हिस्सा हैं। अभी कुछ दिन पहले ही सीएम ने कहा था कि वे बंगाल में अकेले चुनाव लड़ेंगी। वे बंगाल में क्लीन स्वीप करने के मकसद से काम कर रही हैं तो बीजेपी ने 2024 के चुनाव में बंगाल में इस बार 35 सीट जीतने का लक्ष्य रखा है। इस लिहाज से इस पर काम भी शुरू हो गया है। बीजेपी ने बंगाल में जीत के लिए रणनीति बनानी भी शुरू कर दी है।

जानकारों का मानना है कि बारासात लोकसभा सीट भाजपा और तृणमूल के लिए कठिन डगरिया साबित हो सकती है। इस सीट से तृणमूल की दिगग्ज नेता और सांसद डॉ. काकुली घोष दस्तीदार सांसद हैं। उन पर सीएम ममता बनर्जी का अटूट विश्वास है। जानकारों के बीच इस बार यह प्रश्न उठ रहा है कि इनको जीताने में राज्य के पूर्व खाद्य और वर्तमान वन मंत्री ज्योति प्रिय मल्लिक का हाथ रहता था। इस बार क्या उनके अनुपस्थित में काकुली बारासात की ताज पहनेंगी। इसका कारण यह है कि ज्योति प्रिय राशन भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में हैं। इस कारण यहां के संगठन को लेकर पार्टी के शीर्ष नेताओं के सर पर भी चिंता की लकीरें दिख रही हैं।

जानकारों का यह भी मानना है कि टीएमसी में ममता बनर्जी के हस्तक्षेप के बाद भी नये-पुराने की खिचड़ी अंदर ही अंदर पक रही है। अगर यह खिचड़ी पक जाती है, ममता की सहमति मिल जाती है तो काकुली मैदान से बाहर हो सकती हैं।

उधर प्रदेश भाजपा के एक सूत्र से पता चला है कि इस बार इस सीट से ताल ठोंकने के लिए 20 लोगों ने अपने नाम दिये हैं। इनमें से कई सेलिब्रिटी है तो कई प्रभावशाली लोग हैं। इस बार ज्योति प्रिय मल्लिक का न होना कहीं न कहीं भाजपा के पाले को मजबूती दे रहा है। अब देखना है कि भाजपा इस सीट के लिए किस पर भरोसा जताती है। जानकारों का मानना है कि बारासात लोकसभा सीट के कई टीएमसी नेताओं से समाज का एक वर्ग भ्रष्टाचार को लेकर नाराज चल रहा हैं। सभी मायने में देखा जाए तो इस सीट के लिए भाजपा का पलड़ा भारी नजर आ रहा है। भाजपा के एक नेता ने बताया कि उम्मीदवारों का चयन करने की जिम्म्वारी केंद्रीय नेतृत्व को हैं।