दिल्ली से हाईकोर्ट पहुंची बीसीआई टीम ने कहा : घटना हुई है, हम पेश करेंगे रिपोर्ट

वकीलों ने काला दिवस मनाया

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कोलकाता: कलकत्ता हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की एकल पीठ के सामने धरना प्रदर्शन, हाथापाई और आपत्तिजनक नारेबाजी को लेकर जांच करने पहुंची बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) की टीम ने सोमवार को हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार और अन्य संबंधित अधिकारियों से बात कर जांच पूरी कर ली है।

टीम में शामिल इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस अशोक मेहता ने अपराह्न के वक्त मीडिया से बात की। उनके साथ दो अन्य सदस्य दिल्ली हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के कार्यकारी समिति की सदस्य वंदना कौर ग्रोवर और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता रविंद्र कुमार रायजादा भी मौजूद थे।

अशोक मेहता ने कहा कि हमने घटनास्थल का दौरा किया है। कई लोगों से बात की है। यह स्पष्ट हो गया है कि विरोध प्रदर्शन और नारेबाजी की घटना हुई है, जिसकी रिपोर्ट हम कल बार काउंसिल ऑफ इंडिया को सौंपेंगे। इसके बाद ही इस मामले पर जो फैसला लेना है वह बीसीआई लेगा।

उन्होंने बताया कि फिलहाल इस मामले से संबंधित कोई सीसीटीवी फुटेज उन्होंने एकत्रित नहीं किया है, न ही मिला है। इस संबंध में किसी भी पार्टी अथवा किसी का नाम लेने से इन्कार करते हुए उन्होंने कहा कि वे फैक्ट फाइंडिंग टीम के सदस्य के तौर पर यहां आए हैं और इस मामले की जांच रिपोर्ट सबमिट करनी है।

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कलकत्ता हाईकोर्ट में जस्टिस मंथा के विरोध में वकीलों ने काला दिवस मनाया। दूसरी ओर बार काउंसिल ऑफ इंडिया की टीम को लेकर स्टेट बार काउंसिल के सदस्यों ने आलोचना करते हुए कहा कि कलकत्ता हाईकोर्ट बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अंतर्गत नहीं आता है।

उन्होंने राज्य बार काउंसिल से बिना किसी चर्चा के ही बार काउंसिल ऑफ इंडिया यहां आने का फैसला किया है। यह बिल्कुल ही गलत है। पूरे परिसर में बैनर और प्लेकार्ड लगाकर वकीलों ने विरोध जताया।

वहीं दूसरी ओर हाईकोर्ट पहुंचे बार काउंसिल ऑफ इंडिया के सदस्यों के साथ तृणमूल कांग्रेस की तकरार हुई। सोमवार को जांच के सिलसिले में जब बार काउंसिल के सदस्य हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार के दफ्तर में बैठकर पूछताछ कर रहे थे तभी कलकत्ता हाईकोर्ट बार काउंसिल के अध्यक्ष और तृणमूल कांग्रेस के विधायक अशोक देव उस कमरे में घुस गए। हालांकि उन्हें फौरन कमरे से बाहर जाने को कह दिया गया और वह वापस लौट भी गए।

इसके पहले अशोक ने कहा था कि नेशनल बार काउंसिल के अंतर्गत कलकत्ता हाईकोर्ट नहीं आता और हाईकोर्ट बार एसोसिएशन से बिना राय मशविरा किए जांच टीम को भेजा गया है।

गौरतलब है कि, 9 जनवरी 2023 से कलकत्ता हाईकोर्ट में जस्टिस मंथा के बहिष्कार का हंगामा चल रहा है। सूत्रों का कहना है कि तृणमूल कांग्रेस समर्थित कुछ वकीलों ने जस्टिस मंथा के फैसलों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था।

यहां तक कि उनके कमरे और घर के बाहर पोस्टर लगाकर बहिष्कार करना शुरू कर दिया था। 3 दिन बाद हंगामा तो बंद कर दिया गया पर कोई भी वकील मंथा के कोर्ट में प्रवेश नहीं कर रहा था। ऐसे में मंथा के कोर्ट में मामलों की सुनवाई बुरी तरह प्रभावित हुई है।