ज्यादा मोबाइल चलाते हैं तो सावधान!

मोबाइल का प्रयोग करने के कारण आप साइबर मोशन सिकनेस या फिर डिजिटल वर्टिगो का शिकार हो सकते हैं

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डेस्क:आजकल हर किसी के हाथ में मोबाइल देखने को मिलता है, लोग घंटों अपना समय मोबाइल फोन पर गुजार देते हैं। जब तक सोशल मीडिया नहीं था लोग तब मोबाइल गेम से काम चलाते थे, लेकिन सोशल मीडिया ने पूरा दौर ही बदल दिया। सबका स्क्रीन टाइम बढ़ता गया है। इससे बढ़ता है साइबर सिकनेस। आइए जानते हैं क्या है साइबर सिकनेस।

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डिजिटलीकरण की भरमार और सोशल मीडिया की आदत से लोग लगातार स्क्रीन को चेहरे के सामने रखते हैं. बता दें कि लगातार मोबाइल का प्रयोग करने के कारण आप साइबर मोशन सिकनेस या फिर डिजिटल वर्टिगो का शिकार हो सकते हैं डॉक्टरों का कहना है कि इस कंडीशन में मरीज को चक्कर आते रहते हैं। लेकिन पीड़ित इसे नार्मल मानकर इग्नोर करता है। धीरे-धीरे यही स्थिति नर्वस सिस्टम को प्रभावित कर देती है। बाद में ब्रेन और बॉडी में ब्लड और ऑक्सीजन की सप्लाई बाधित होने लगती है। तो आइए जानते हैं इसके लक्षण के बारे में…

आपको बता दें कि उल्टी और चक्कर के अलावा अन्य परेशानी भी देखने को मिलती है। हर समय मोबाइल या अन्य डिजीटल डिवाइस प्रयोग करने के कारण आंखों पर बहुत अधिक दबाव पड़ता है।

इससे ब्रेन पर असर दिखने लगता है। ड्राईनेस, इरिटेशन और धुंधला दिखाई देना शुरू हो जाता है। हर समय सिर दर्द रहने लगता है। गर्दन और कंधे में दर्द शुरू हो जाता है। बेहोशी, पसीना आना जैसे लक्षण दिख सकते हैं और एक चीज पर फोकस नहीं रह पाता। धीरे-धीरे यही स्थिति नर्वस सिस्टम को प्रभावित करने लगती है और साइबर सिकनेस का रूप ले लेता है।

तो आईए आपको इससे बचने के उपाए बताते है

कोशिश करें कि डिजिटल डिवाइस का प्रयोग कम से कम करें। लेकिन मजबूरी है या जॉब का हिस्सा है तो सुबह-शाम एक्सरसाइज करते रहें। आई स्पेश्लिस्ट से सलाह लेकर आंखों की एक्सरसाइज करें। ऑफिस के बाद डिजिटल स्क्रीन का प्रयोग न करें। लैपटॉप या कंप्यूटर पर ब्लू फिल्टर लगा कर रखें। मोबाइल, लैपटॉप का फॉन्ट बड़ा रखें और स्क्रीन की कॉन्ट्रैस्ट कम रखें। इससे राहत मिल सकती है।