बंगालः 143 प्राथमिक शिक्षकों की नौकरियां रद्द, तत्काल वेतन बंद करने का निर्देश

कलकत्ता हाईकोर्ट के न्यायाधीश अभिजीत गांगुली के आदेश पर

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कोलकाताः सुप्रीम कोर्ट से झटका खाने के बाद कलकत्ता हाईकोर्ट लौटे बर्खास्त शिक्षकों की नहीं बची नौकरी। हाईकोर्ट ने प्राइमरी स्कूलों में नियुक्त हुए 146 शिक्षकों में से 143 को नौकरी से बर्खास्त करने के फैसले को बरकरार रखा है।

हाईकोर्ट ने बुधवार को प्राथमिक भर्ती में हुए भ्रष्टाचार की वजह से नौकरी गंवाने वालों में से 146 प्राथमिक शिक्षकों की अपील पर सुनवाई की।

हाईकोर्ट के न्यायाधीश अभिजीत गांगुली ने उनके सभी दस्तावेजों की जांच करने के बाद निर्देश दिया कि उनमें से 143 को नौकरी से बर्खास्त कर दिया जाये। यहां तक कि न्यायाधीश ने उन शिक्षकों का वेतन तत्काल रोकने का आदेश भी दिया।

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हालांकि हाईकोर्ट ने बाकी 3 शिक्षकों में से 2 की नौकरी बरकरार रखी है। इन शिक्षकों को गलत प्रश्नों के कारण अतिरिक्त अंक मिले थे। न्यायाधीश ने कहा कि एक अन्य व्यक्ति के मामले में एक बार फिर उसके दस्तावेज की जांच कर फिर से सुनवाई की जायेगी।

उल्लेखनीय है कि इससे पहले पिछले साल 2022 के दिसंबर में हाईकोर्ट ने प्राथमिक स्कूल में कार्यरत 53 लोगों की नौकरियां रद्द की थी लेकिन अब हाईकोर्ट ने बुधवार को अपने नये आदेश से कुल 143 प्राथमिक शिक्षकों की नौकरी रद्द कर दी है।

दूसरी ओर, बुधवार को और भी 59 प्राथमिक शिक्षक अपनी नौकरी बचाने के लिए हाईकोर्ट पहुंचे थे। इस पर न्यायाधीश गांगुली ने कहा कि वह गुरुवार को उनके मामले की सुनवाई करेंगे।

आपको बता दें कि पिछले साल हाईकोर्ट के न्यायाधीश अभिजीत गांगुली के आदेश पर प्राथमिक स्कूलों में अवैध भर्ती के आरोपों की वजह से 268 प्राथमिक शिक्षकों की नौकरी चली गयी थी।

बाद में नौकरी गंवाने वाले शिक्षकों ने हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें सूचित किया कि उनकी अपील पर हाईकोर्ट में ही सुनवाई होगी। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि ये 268 लोग हाईकोर्ट में रोजगार की वैधता साबित करें।

दस्तावेजों की वैधता की जांच के बाद हाईकोर्ट द्वारा लिए गये निर्देश का पालन किया जायेगा। ऐसे में दस्तावेजों के आधार के मद्देनजर यह हाईकोर्ट पर निर्भर करता है कि किसकी नौकरी रहेगी और किसकी जाएगी।