कोलकाता / कालियागंज : उत्तर दिनाजपुर जिले के कालियागंज में एक आदिवासी युवक की मौत को लेकर राज्य सरकार ने सीआईडी जांच का आदेश दिया है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार मृतक युवक मृत्युंजय बर्मन के परिजनों की ओर से रायगंज थाना जिले के पुलिस अधीक्षक कार्यालय में शिकायत दर्ज करायी गयी।
वहीं, कलकत्ता हाईकोर्ट से सीबीआई जांच की मांग की गई है। राज्य सरकार के सीआईडी जांच के फैसले को मानने से इनकार करते हुए पीड़ित परिवार सीबीआई जांच की मांग पर अड़ा हुआ है।
दूसरी ओर, सोमवार को हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की अदालत ने युवक की मौत की सीबीआई जांच की मांग को लेकर जनहित याचिका दायर करने की अनुमति दे दी है।
कालियागंज में मृत्युंजय बर्मन की मौत के मामले में अदालत ने मुकदमा दायर किया है। सोमवार को अदालत के समक्ष वकील अनिंद्य सुंदर दास ने इस मामले की ओर कोर्ट का ध्यान आकर्षित किया और सीबीआई जांच की मांग की। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जनहित याचिका दायर करने के लिए आवेदन को स्वीकार करते हुए अनुमति दे दी।
आरोप है कि मृत्युंजय बर्मन की हत्या कालियागंज थाने के एएसआई मोअज्जम हुसैन ने की थी। पुलिस अधिकारी पर मृतक के परिवार पर उंगली उठाई है। उन्होंने कहा कि उस रात उन पर हमला किया गया था। इन दोनों शिकायतों के मद्देनजर इस घटना की जांच सीआईडी को सौंपी गई है।
बता दें, पिछले बुधवार को पुलिस ने रायगंज के राधिकापुर में एक घर पर छापा मारा था। कलियागंज थाने में तोड़फोड़ और आगजनी के मामले में पुलिस स्थानीय पंचायत समिति सदस्य विष्णु बर्मन के घर गई थी। फिर से अफरातफरी मच गई। आरोप है कि फायरिंग शुरू हो गई। उस घटना में मृत्युंजय वर्मन की मौत हो गई थी।
इसके बाद इस घटना को लेकर राजनीति शुरू हो गयी। बीजेपी ने दावा किया कि मृत युवक बीजेपी कार्यकर्ता था। पार्टी कार्यकर्ता के विरोध में रायगंज की सांसद और पूर्व राज्य मंत्री देबश्री चौधरी ने विरोध प्रदर्शन किया । सांसद और जिला बीजेपी नेतृत्व ने मृतक के परिजनों से मुलाकात की।
इस बीच, बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष डॉ सुकांत मजूमदार ने आरोप लगाया है कि पुलिस पूरी तरह से तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता के रूप में काम कर रही है। टीएमसी के नेताओं के इशारे पर पुलिस काम करती है। विरोध करने वालों की आवाज दबा दी जाती है।