कोलकाता: कलकत्ता हाईकोर्ट ने बंगाल पंचायत चुनावों की घोषणा पर अंतरिम रोक बढ़ा दी है। अब 9 मार्च तक आयोग पंचायत चुनाव का ऐलान नहीं पर पायेगा। हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और न्यायाधीश राजर्षि भरद्वाज की खंडपीठ ने बुधवार को यह निर्देश दिया है।
उल्लेखनीय है कि बंगाल में त्रिस्तरीय पंचायत प्रणाली के लिए चुनाव इस साल अप्रैल के अंत तक होने की संभावना है, जब राज्य में बोर्ड की सभी प्रमुख परीक्षाएं समाप्त हो जाएंगी।
चुनाव आयोग द्वारा मार्च के तीसरे सप्ताह तक मतदान और मतगणना की तारीख की घोषणा करने वाली एक अधिसूचना जारी किए जाने की संभावना है। इससे पहले बुधवार को हाईकोर्ट ने राज्य में पंचायत चुनाव को लेकर बड़ा निर्दश दिया है।
कोर्ट ने कहा कि 9 मार्च तक पंचायत चुनाव की घोषणा नहीं की जा सकती है। हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने पंचायत चुनावों पर अंतरिम रोक 9 मार्च तक बढ़ा दी।
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बता दें, बंगाल पंचायत चुनाव से पहले घर-घर जाकर आरक्षण सूची की जांच करने के बाद ही मतदान तिथि का ऐलान किया जाये। इसके साथ ही केंद्रीय बलों की निगरानी में 2013 में हुए ‘शांतिपूर्ण’ चुनाव और 2018 में हुए चुनाव में बिना केंद्रीय बलों की ‘हिंसा’ का जिक्र करते हुए विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने अपील की है कि आगामी पंचायत चुनाव भी केंद्रीय सुरक्षा बल की सुरक्षा में कराए जाएं।
इसके अलावा, सेवानिवृत्त न्यायाधीश की निगरानी में पंचायत चुनाव कराने का भी अनुरोध किया है। इस पर शुभेंदु ने हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की।
उसी याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने पंचायत चुनावों की घोषणा पर अंतरिम रोक बढ़ा दी है। इसके चलते राज्य निर्वाचन आयोग अब पंचायत चुनाव की घोषणा नहीं कर पाएगा।
उल्लेखनीय है कि शुभेंदु अधिकारी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने पिछले साल 15 दिसंबर को यह निर्देश दिया था कि फिलहाल राज्य निर्वाचन आयोग पंचायत चुनाव को लेकर कोई अधिसूचना जारी नहीं कर सकता है। हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने यह आदेश दिया था।