जलाशयों के मामले में बंगाल पूरे देश में अव्वल
केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय की ओर से जारी की गयी रिपोर्ट
कोलकाता : भारत सरकार और राज्य सरकारें जल निकायों को पुनर्जीवित करने, उनको खूबसूरत बनाने और पर्यटन के लिहाज से विकसित करने का काम लगातार कर रही हैं।
ऐसे में केंद्र सरकार ने देशभर की वॉटर बॉडीज की गणना करवाई है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय की ओर से हाल ही में पहली गणना हुई है। जल निकायों की पहली गणना की रिपोर्ट में साफ किया गया है कि देश भर में तालाब, टैंक और झीलों को मिलाकर वॉटर बॉडीज की कुल संख्या करीब 24.24 लाख हैं। इनमें से सबसे अधिक वॉटर बॉडीज पश्चिम बंगाल में हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक
शक्ति मंत्रालय की हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि देशभर के 24,24,540 जल निकायों की गणना की गई है, जिनमें से ग्रामीण क्षेत्रों में 97.1% (23,55,055) और शहरी क्षेत्रों में केवल 2.9% (69,485) हैं।
मंत्रालय की ओर से साल 2017-18 के लिए छठी लघु सिंचाई गणना के साथ जल निकायों की गणना की गई थी जिसके नतीजे हाल ही में जारी किए गए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक 59.5 फीसदी (14,42,993) जल निकाय तालाब हैं। इसके बाद टैंक (15.7 प्रतिशत यानी 3,81,805), जलाशय (12.1 प्रतिशत यानी 2,92,280), जल संरक्षण योजनाएं/टपकाव टैंक/चेक बांध (9.3% यानी 2,26,217), झीलें (0.9% यानी 22,361) और अन्य (2.5% यानी 58,884) हैं।
रिपोर्ट की मानें तो पश्चिम बंगाल तालाब और जलाशयों के मामले में सबसे अग्रणी राज्य है। यहां पर तालाब और जलाशयों की सबसे ज्यादा संख्या है, जबकि आंध्र प्रदेश में टैंक सबसे अधिक हैं। वहीं, तमिलनाडु में सबसे अधिक झीलें हैं और जल संरक्षण योजनाओं में महाराष्ट्र सबसे आगे है।
दक्षिण 24 परगना में सबसे अधिक तालाब
पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना में सबसे अधिक तालाब हैं। गणना में पहली बार जलाशयों के अतिक्रमण के आंकड़े भी एकत्र किए गए हैं। गणना में शामिल किए गए कुल जल निकायों में से 1.6 फीसदी वॉटर बॉडीज में अतिक्रमण पाया है।
इनमें से 95.4% ग्रामीण क्षेत्र और बाकी 4.6 फीसदी शहरी क्षेत्रों में हैं। सभी अतिक्रमित जल निकायों में से 62.8% के पास 25 फीसदी से कम क्षेत्र अतिक्रमण के तहत है, जबकि 11.8% जल निकायों का 75 फीसदी से अधिक हिस्सा अतिक्रमण के तहत है।