दूसरी बार सीएम पद की शपथ लेने जा रहे हैं भूपेंद्र पटेल
करीब 20-22 चेहरों को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है
गुजरात: गुजरात चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को मिली रिकॉर्ड जीत के बाद अब नए मंत्रिमंडल के शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां जोरो-शोरो चल रही है। बता दें कि भूपेंद्र पटेल लगातार दूसरी बार गुजरात के मुख्यमंत्री की शपथ लेने जा रहे हैं। सोमवार को दोपहर 2 बजे नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह गांधीनगर के हेलीपैड ग्राउंड में होगा। इस समारोह में पीएम नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और कई केंद्रीय मंत्री शपथ ग्रहण कार्यक्रम में शामिल होंगे।
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मिली जानकारी के मुताबिक इस नए मंत्रिमंडल के शपथ ग्रहण समारोह से पहले बीती रात पार्टी की ओर से तय नामों वाले विधायकों को सूचना दी गई। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल ने तय विधायकों को फोन कर जानकारी दी कि सोमवार को शपथ लेनी है। बता दें कि अभी तक जिन विधायकों को फोन कर शपथ लेने को लेकर जानकारी दी गई है, उनमें कुल 17 नाम शामिल हैं। इसलिए यह तय माना जा रहा है कि सोमवार को होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में इन विधायकों को मंत्री बनाया जाएगा।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जिन विधायकों को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की ओर से फोन कर शपथ लेने की जानकारी दी गई है, उनमें शामिल नाम कुछ इस प्रकार हैं। (घाटलोडिया ) भूपेंद्र पटेल, (मजूरा) हर्ष संघवी , (विसनगर ) ऋषिकेश पटेल, (पारडी) कनुभाई देसाई, (जसदण) कुंवरजी भाई बावलिया , ( खंभालिया ) मुलुभाई बेरा , (जामनगर ग्रामीण) राघवजी पटेल, (भावनगर ग्रामीण) पुरुषोत्तम भाई सोलंकी, (सिद्धपुर) बलवंत सिंह राजपूत , (राजकोट ग्रामीण) भानुबेन बाबरिया, ( संतरामपुर) कुबेर भाई डिंडोर, (देवगढ़ बारिया ) बच्चू खाबड़ , (निकोल ) जगदीश पांचाल , (ओलपाड) मुकेश पटेल, (मोडासा ) भीखूभाई परमार, (कामरेज) प्रफुल पानसेरिया, (मांडवी) कुंवरजी हलपति।
सूत्रों ने कहा कि गांधीनगर में होने वाले इस शपथ ग्रहण समारोह के लिए विशेष तैयारियां की गई है। साथ ही इस शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए 200 संतों को भी आमंत्रण भेजा गया है।
सूत्रों ने कहा कि दर्शकों में सभी समुदायों के सदस्य शामिल होंगे, लेकिन पाटीदार, अन्य पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और जनजाति और महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। वहीं, सूत्रों ने संकेत दिया कि 2024 के लोकसभा और फिर 2026 के राज्य चुनावों को ध्यान में रखते हुए प्राथमिकता दी गई है।