मड़ुवा की बिस्किट और केक के सामने बड़े-बड़े ब्रांड फेल !
-तोरपा में बड़े पैमाने पर हो रहा है मड़ुवा की खाद्य सामगी का उत्पादन
खूंटी : एक समय था कि मड़ुवा जैसे मोटे मनाज को गरीबों का भेजन कहा जाता था। गरीबी के कारण लोग चावल और गेहूं नहीं खरीद पाते थे, तो सबसे सस्ता मड़ुवा ही उनके जीने का आधार था। भले ही अब वैज्ञानिक मोटे अनाज के महत्व को समझ रहे हैं और मड़ुवा, ज्वार जैसे अनाज की खेती को बढ़ावा दे रहे हैं। यहां तक कि केंद्र सरकार ने 2023 को मिलेट्स वर्ष भी घोषित कर दिया है। पहले लोग मड़ुवा का उपयोग सिर्फ रोटी के रूप में करते थे, लेकिन अब मड़ुवा से बिस्किट, ब्रेड, जैम, कुकीज सहित अन्य कई तरह के स्वादिष्ट खाद्य सामग्री बनाई जा रही है।
खूंटी जिले के तोरपा प्रखंड की महिलाएं मड़ुवा के बिस्किट, कुकीज, ब्रेड, टोस्ट आदि इस तरह से बना रही है कि बड़े से बड़े ब्रांड भी फेल नजर आ रहे हैं। स्थानीय बाजार में मड़ुवा के इन उत्पादों की भारी मांग भी है और महिलाएं मड़ुवा की कई तरह की खाद्य सामग्री का उत्पादन कर न सिर्फ अच्छी कमाई कर रही हैं, बल्कि अपने आर्थिक स्थिति को भी सुधार रही हैं। अब वह दिन नहीं रहा, जब महिलाएं घर की चहारदीवारी में कैद होकर अपने को घरेलू काम तक ही सीमित रखती थी, बल्कि आज महिलाएं रोजगार के क्षेत्र में पुरुष के साथ हर पायदान पर कदम से कदम मिला रही है।
भले ही ऑफिस का काम हो या बिजनेस संभालना हो या फिर अन्य कोई भी कठिन् काम क्यों न हो, महिलाएं हर दिशा में उन्नति कर अपनी कामयाबी का लोहा मनवा रही हैं। इसका नतीजा है कि आज हर काम में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है। अब महिलाएं केंद्र और राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही विकास योजनाओं का लाभ उठाकर आत्मनिर्भर हो रही हैं।
झारखंड राज्य आजीविका संवर्धन समाज(जेएसएलपीएस) से फूड प्रोसेसिंग का प्रशिक्षण प्राप्त कर महिलाएं घर बैठे व्यवसाय चला रही हैं। तोरपा प्रखंड की प्रिया तोपनो, ममता कुमारी, अनिमा भेंगरा, नीलम भेंगरा, रेखा देवी, शीलवंर्ती आइंद, ओलिभा नाग, एंजेला होरो सहित दर्जनों महिलाएं महिला मंडलों से जुड़ कर अपना कारोबार कर रही हैं। तोरपा में मड़ुवा की बिस्किट, कुकीज, जैम आदि बनाने वाल महिलाएं बताती हैं कि उन्होंने खूंटी में 15 दिनों का फूड प्रोसेसिंग का प्रशिक्षण प्राप्त कर तोरपा प्रखंड परिसर में तोरपा बेकरी यूनिट के नाम से म़ुवा के बेकरी उत्पाद बना रही हैं। इस व्यवसाय से जुड़ी महिलाओं ने बताया कि लगभग एक महीने पहले उन्होंने मड़ुव से बेकरी बनाने का व्यवसाय शुरू किया है और इन उत्पादों की मांग भी बाजार में काफी अच्छी है। लोग इन्हें खूब पसंद कर रहे हैं।
पांच रुपये में मडुवा की बिस्किट पौष्टिक का खजाना
मडुवा से बने सामानों की चर्चा प्रधानमंत्री नरेन्द मोदी ने मन की बात में भी की थी। प्रधानमंत्री ने कहा था कि ग्रामीण क्षेत्रों के किसान मडुवा, मक्का और जौ उत्पादन करते हैं, लेकिन बाजार में उचित मूल्य नहीं मिल पाता। इसके कारण किसानों को इनकी खेती से विशेष लाभ नहीं मिल पाता। इसके कारण किसान इनकी खेती से दूर होते जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने किसानों से अपील की थी कि वे वेल्यू एडिशन कर अपने उत्पादों को बाजार में उतारें। मड़वा में आयरन, कैलसियम की मात्रा अधिक होने के कारण यह किशोरियों और गर्भवती महिलाओं के लिए पोषाहार के समान है।
जेएसएसपीएस से मिली मशीनें
बेकरी यूनिट की प्रिया तोपनो ने बताया कि खूंटी से 15 दिनों का प्रशिक्षण लेने के बाद झारखंड राज्य आजीविका संवर्धन समाज की ओर से तीन डेग ओवन, क्रुफर, दो मिक्सर मशीन, सलासर कटर, फ्रीजर, माइक्रोओवन सहित कई मशीन उन्हें दी गई थी। इससे हमलोग मडुवा के केक, बिस्किट, जैम कुकीज, ब्रेड और टोस्ट बना कर ग्राहकों को दे रहे हैं।