शिक्षक भर्ती घोटाले में हुआ बड़ा खुलासा

बना था फर्जी वेबसाइट

105

कोलकाता : पश्चिम बंगाल के भर्ती घोटाले मामले में रोज दिन कुछ न कुछ नए-नए खुलासे हो रहे हैं। अब इस मामले में एक और बहुत बड़ा खुलासा हुआ है । मामला है नौकरी का झांसा देकर पैसे वसूलने के लिए वेबसाइट खोलने की शिकायत मिली थी। पैसे के बदले की थी नौकरी यह शिकायत नहीं नहीं है । नौकरी का झांसा देकर करोड़ों रूपये की लिए गए हैं। इस मामले पर सीबीआई जांच भी कर रही है ।

लेकिन कथित तौर पर उम्मीदवारों को आश्वस्त करने के लिए फर्जी वेबसाइट भी बनाई गई है और जिन्होंने भुगतान किया, उनके नाम वेबसाइट पर सूचीबद्ध किए गए हैं । इस तरह के फर्जीवाड़ा कर नौकरी के नाम पर अरबों रुपये एजेंटों की जेब में चले गए है । तापस मंडल से पूछताछ में दो एजेंटों के नाम पहले ही सामने आ चुके हैं। कुछ दिन पहले मालदा में एक शिक्षक फर्जी नियुक्ति पत्र के साथ काम करते पकड़ा गया था।

सवाल उठता है कि क्या फर्जी सर्टिफिकेट भी बन गए हैं? भ्रष्टाचार के आरोपों का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है । सूत्रों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार इस घटना के सबूत भी मिले हैं। सूत्रों का दावा है कि जो लोग पैसा निकालते थे वे अपने नाम के साथ एक डायरी पर हस्ताक्षर करते थे और इस तरह जेब भरने का काम चलता रहा। तापस मंडल लगातार सीबीआई को दस्तावेज दे रहा है। यानी भ्रष्टाचार की पेच लगातार खुल रहे है ।

हाल ही में तापस मंडल ने दावा किया था कि पहले 325 लोगों की सूची तैयार की गई थी। उनसे एक लाख रूपये की मांग भी की गई थी। तापस से इस बारे में पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि वे कोर्ट में केस फाइल कर पास कर देंगे। इसके लिए तापस ने प्रति उम्मीदवार 1 लाख तक की मांग भी की थी । तापस मंडल ने बयान देते हुए कहा था कि ”उन 325 प्रत्याशियों ने 3 करोड़ 25 लाख रूपये दिए थे और सभी को पास भी किया गया था।

इस संबंध में वकील फिरदौस शमीम ने कहा, ”बहुस्तरीय भ्रष्टाचार हुआ है। यह भ्रष्टाचार फॉर्म भरने के साथ ही शुरू हुआ है । अब आप वेबसाइट की बात सुन रहे है। आप अभी और भी बहुत कुछ देखेंगे । कोई सोच भी नहीं सकता था कि सफेद ओएमआर शीट जमा हो गई। फिर भी, उम्मीदवार को अंक मिले हैं।

प्राथमिक शिक्षा घोटाले में सबसे बड़ी शिकायत यह है कि टेट 2014 में ओएमआर शीट नहीं रखी गई। इतना ही नहीं ओएमआर शीट की स्कैन कॉपी भी नहीं रखी गई थी। उसके बदले डिजिटल कॉपी रखी गई थी। जिसे कभी भी बदला जा सकता है। यह एक प्रकार से सुनियोजित भ्रष्टाचार है और हर अपराधी को सजा जरूर मिलेगी ।