नई दिल्लीः मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बजट सत्र के दूसरे दिन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल विश्वास प्रस्ताव पेश किया। दिल्ली के अलीपुर में आगजनी की घटना और इसमें पीड़ितों के परिजनों से मुलाकात के बाद दिल्ली विधानसभा पहुंचे मुख्यमंत्री केजरीवाल ने भाजपा पर विधायकों की खरीद फरोख्त की बात करते हुए विश्वास प्रस्ताव पेश किया, जिसे स्वीकार भी कर लिया गया।
मुख्यमंत्री ने विधानसभा में कहा कि कुछ दिनों पहले उनके पास दो विधायक आए। उन्होंने कहा कि उन्हें 25-25 करोड़ रुपये की पेशकश की गई थी। केजरीवाल ने बताया कि उन्हें जानकारी मिली की 21 आम आदमी पार्टी के विधायकों से भाजपा ने संपर्क किया था। उसके बाद हमने एक-एक विधायकों से संपर्क किया और पता चला कि 21 तो नहीं आम आदमी पार्टी के 7 विधायकों से भाजपा ने संपर्क किया था।
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आगे केजरीवाल ने कहा कि यह जो तथाकथित शराब घोटाला है, यह कोई शराब घोटाला नहीं है। जैसा कि अन्य राज्यों में भाजपा सरकारें गिरा रही है, पार्टी तोड़ रही हैं, इनका मकसद दिल्ली के अंदर भी शराब घोटाले की आड़ में गिरफ्तार करके आम आदमी पार्टी की सरकार गिरना है। इन्हें पता है कि दिल्ली के अंदर चुनाव जीत नहीं सकते, जब चुनाव जीत नहीं सकते तो किसी भी तरह सरकार गिराकर अपनी सरकार बनाना भाजपा का मकसद है। लेकिन ऊपर वाले की दया है, उनका प्रयास सफल नहीं रहा।
केजरीवाल ने कहा कि यह देखने के लिए और जनता को दिखाने के लिए कि हमारा एक भी विधायक नहीं टूटा। सारे विधायक हमारे साथ हैं, हम विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव लाने जा रहे हैं।
विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल से लिखित विश्वास प्रस्ताव पेश करने की अनुमति मांगी गई। अनुमति मिलने के बाद केजरीवाल ने सदन में विश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत किया। जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने इसे स्वीकार करते हुए कहा कि अब इस विश्वास प्रस्ताव पर शनिवार को चर्चा होगी।
मुख्यमंत्री द्वारा विश्वास प्रस्ताव पेश किए जाने पर दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार का हाल सब ने देखा। दिल्ली में भी मुख्यमंत्री ने जरूर कुछ ऐसा लगा है तभी वह विश्वास प्रस्ताव लाए हैं।