नीतीश कुमार के पाला बदलने से खुश नहीं भाजपा नेता?

किसी ने राजनीतिक अवसरवादिता बताया तो कोई बोला पापों का प्रायश्चित

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कोलकाता, सूत्रकार : भाजपा सांसद और प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष दिलीप घोष ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के फिर से पाला बदलने को राजनीतिक अवसरवादिता करार दिया। घोष ने रविवार को कहा कि इसका अंत होना चाहिए। बीजेपी की पश्चिम बंगाल इकाई के पूर्व अध्यक्ष दिलीप घोष नीतीश कुमार की ओर से राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस का साथ छोड़कर राज्य में नई सरकार बनाने के लिए बीजेपी से हाथ मिलाने के बाद संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे।

घोष ने कहा कि एक नेता आमतौर पर पांच साल के कार्यकाल के दौरान एक बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेता है। लेकिन नीतीश कुमार ऐसे नेता हैं, जो पांच साल के कार्यकाल में कम से कम दो या तीन बार शपथ लेते हैं। वो भी हर बार अलग-अलग खेमे से। घोष ने कहा कि मुझे लगता है कि यह राजनीतिक अवसरवादिता है और अब समय आ गया है जब ऐसी चीजें बंद होनी चाहिए। पश्चिम बंगाल की बीजेपी इकाई के प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने घोष के बयान पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

राजनीतिक पापों का प्रायश्चित कर रहे नीतीश

हालांकि, उन्होंने कहा कि सच तो यह है कि प्रेम के बिना शादी हमेशा कायम नहीं रह सकती। जनता दल यूनाइटेड (जदयू)-राजद का गठबंधन भी ऐसा ही विवाह था और यह परिणीति तो होनी ही थी। भट्टाचार्य ने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में लौटकर नीतीश कुमार अपने उस राजनीतिक पापों का प्रायश्चित कर रहे हैं, जो उन्होंने राजग को छोड़कर और लोगों के जनादेश की अवहेलना करके किया था।

18 महीने पुरानी ‘महागठबंधन’ सरकार का अंत

नीतीश कुमार ने रविवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और इसी के साथ बिहार में 18 महीने पुरानी ‘महागठबंधन’ सरकार का अंत हो गया। नीतीश कुमार ने इस्तीफा देने के साथ विपक्षी ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस’ (इंडिया गठबंधन) से भी नाता तोड़ लिया, जिसका गठन कुछ महीने पहले लोकसभा चुनावों में भाजपा से मुकाबला करने के लिए किया गया था और उन्होंने इसमें अहम भूमिका निभाई थी।

2022 में भी नीतीश ने बदला था पाला

नीतीश कुमार अगस्त 2022 में ‘महागठबंधन’ में शामिल हो गए थे और बीजेपी नीत एनडीए से नाता तोड़ लिया था। तब उन्होंने बीजेपी पर उनकी जदयू को ‘विभाजित’ करने की कोशिश करने का आरोप लगाया था।