221 ग्राम पंचायत का भाजपा का कब्जा, साल 2018 में था केवल एक

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कोलकाता: पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव में साल 2018 के पंचायत चुनाव की तुलना में अपना प्रदर्शन काफी सुधार है। बीजेपी ने राज्य चुनाव आयोग के आक़ड़े का अनुसार 221 ग्राम पंचायत पर कब्जा जमाने में सफल रही है, जो साल 2018 मात्र एक था। इसी तरह से पंचायत समिति में भी बीजेपी ने अपनी ताकत बढ़ाई है, बीजेपी 9 पंचायत समिति पर कब्जा जमा लिया है। इसके पहले बीजेपी के पास एक भी पंचायत समिति नहीं थी। हालांकि जिला परिषद में टीएमसी का दबदबा कायम है। पिछले पंचायत चुनाव की तुलना में बीजेपी की सीटों संख्या में इजाफा हुआ है। उत्तर बंगाल के कई जिलों और पूर्व मेदिनीपुर के कई इलाकों में बीजेपी ने अपनी पकड़ बनकर रखी है।

शिशिर बजौरिया ने बताया कि पंचायत चुनाव परिणाम के दौरान कई मामलों का फैसला टॉस से हुआ है। अधिकांश फैसला टाइ हुआ है और इसमें टॉस होता है। पूरा विपक्ष क्रिकेट के उस कैप्टन की तरह अभागा है, जिसने एक भी टॉस नहीं जीता है।

उन्होंने कहा कि अभी भी जीते हुए उम्मीदवारों को बहुत जगह सर्टिफिकेट नहीं दिया गया है। रात के अंधेरे में रिकाउंट किया गया और फिर टीएमसी के उम्मीदवारों को जीता दिया गया। उन्होंने कहा कि पिछले एक ग्राम पंचायत में बोर्ड बनी थी। इस बार 221 ग्राम पंचायत चुनाव चुके हैं। उन्होंने कहा कि इस चुनाव परिणाम का लोकसभा चुनाव पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा। चुनाव के दौरान भारी हिंसा हुई है।