बीजेपी पार्टी कार्यकर्ताओं को कराएगी रामलला के दर्शन

फरवरी महीने में विभिन्न स्टेशनों से अयोध्या तक विशेष ट्रेनें

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कोलकाता, सूत्रकार : लोकसभा चुनाव में अयोध्या मंदिर बीजेपी का मुख्य ‘साझेदार’ होगा। बीजेपी चुनाव में जाने से पहले बंगाल से पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को अयोध्या भेजना चाहती है। राम मंदिर में रामलला के दर्शन खत्म होने के बाद ही चुनावी रण शुरू होगा। प्रदेश भाजपा की विस्तारित कार्यकारिणी की बैठक में इस संबंध में आदेश दिया गया। बताया गया है कि रेलवे पूरे फरवरी महीने में पश्चिम बंगाल के विभिन्न स्टेशनों से अयोध्या तक विशेष ट्रेनें चलाएगी।

नेताओं और कार्यकर्ताओं को उस ट्रेन से अयोध्या ले जाएंगे। भाजपा समर्थकों से लेकर बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को भी श्रीराम के दर्शन हेतु ले जाया जाएगा। रेल मार्ग से कोलकाता से अयोध्या (नया नाम) की दूरी 875 किमी है। जम्मू-तवी एक्सप्रेस हर रात कोलकाता स्टेशन से रवाना होती है। इसके अलावा, दून एक्सप्रेस प्रतिदिन हावड़ा से खुलती है। वर्तमान रेल सेवा में बंगाल से सीधे अयोध्या जाने के लिए ये दोनों ट्रेनें हैं। लेकिन बीजेपी चाहती है कि 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नए राम मंदिर के उद्घाटन के बाद बंगाल से लाखों लोग अयोध्या में मंदिर के दर्शन करें।

परिणामस्वरूप रेलवे की वे दो ट्रेनें उन्हें ले जाने के लिए पर्याप्त नहीं होंगी। इसी वजह से वे पहले ही रेलवे से स्पेशल ट्रेनें चलाने का अनुरोध कर चुके हैं। मालूम हो कि रेलवे भी इस मामले पर विचार कर रहा है। रेलवे न सिर्फ बंगाल, बल्कि सभी राज्यों से ऐसी ट्रेनें चलाने की योजना बना रहा है।

इन विशेष ट्रेनों में भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ-साथ आम यात्री भी टिकट खरीदकर अपने गंतव्य तक यात्रा कर सकते हैं। हालांकि, अभी यह तय नहीं है कि बीजेपी कार्यकर्ताओं के ट्रेन टिकट व्यक्तिगत रूप से बुक नहीं करने होंगे, की पार्टी द्वारा बुक किए जाएंगे। इस बारे में बीजेपी का कोई भी नेता मुंह खोलने को तैयार नहीं है। हालांकि, बीजेपी प्रदेश नेतृत्व ने बुधवार की बैठक में कहा कि नेता और कार्यकर्ता सक्रिय रहें ताकि वे ट्रेनें पश्चिम बंगाल से बाहर न जाएं और रेलवे फरवरी के बाद भी ट्रेनें चलाता रहे।

बैठक में मौजूद एक नेता ने कहा है कि लंबे संघर्ष के बाद अयोध्या में श्री राम का भव्य मंदिर बन रहा है। हम सभी रामलला के दर्शन करना चाहते हैं। विशेष ट्रेनों की व्यवस्था की जाए तो अच्छा रहेगा। मैं अपना किराया खुद चुका सकता हूं और श्रीराम के आशीर्वाद से चुनावी लड़ाई में निश्चित जीत होगी।

भले ही इसका उद्घाटन 22 जनवरी को होगा। अयोध्या में 24 जनवरी तक तीर्थयात्रियों के आगमन पर प्रतिबंध रहेगा। इसके बाद संघ परिवार हर राज्य के लिए एक ट्रेन की व्यवस्था भी कर रहा है। माना जा रहा है कि ट्रेन में उन लोगों को ले जाया जाएगा जो लंबे समय से राम मंदिर आंदोलन से जुड़े रहे हैं। इसके लिए विश्व हिंदू परिषद की ओर से अलग-अलग राज्यों के लिए अलग-अलग ट्रेनों की व्यवस्था की जा रही है।

परिषद सूत्रों के अनुसार, वह स्पेशल ट्रेन पांच फरवरी को बंगाल से रवाना होगी। वह ट्रेन यात्रियों को अयोध्या में दो दिन रुकने के बाद वापस राज्य लाएगी। लेकिन बीजेपी की पहल परिषद से अलग है। वे चाहती हैं कि राज्य के विभिन्न स्टेशनों से ट्रेनें रवाना हों। अयोध्या जाने वाली ट्रेनें उत्तर और दक्षिण बंगाल के कुछ स्टेशनों से चलेंगी, लेकिन यह पूरी तरह से रेलवे पर निर्भर करता है। फिलहाल, बीजेपी कार्यकर्ताओं को अयोध्या के लिए राज्य भर में प्रचार करने का निर्देश दिया गया है। आमंत्रण अभियान 1 से 15 जनवरी तक चलेगा। भाजपा कार्यकर्ता शहरों और गांवों में घर-घर जाकर अयोध्या का निमंत्रण दें। उस निमंत्रण पत्र के साथ अयोध्या से आए पीले चावल के अक्षत भी बांटे जाएं।

राम मंदिर के उद्घाटन से पहले विश्व हिंदू परिषद की ओर से घर-घर यात्रा की घोषणा की गई थी। घर-घर मार्च में बीजेपी नेता और कार्यकर्ता भी शामिल होंगे। बंगाल में 1 जनवरी से बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं का घर-घर यात्रा कार्यक्रम शुरू होगा जो कि 15 जनवरी तक जारी रहेगा।