भाजपा ने राज्यपाल को लिखा पत्र, फर्जी मामलों की न्यायिक जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाई करने को कहा

भाजपा की और से राज्यपाल को पत्र लिखकर सही से जांच कराकर करवाई करने की मांग की है।

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रांची : भाजपा की और से राज्यपाल को पत्र लिखकर सही से जांच कराकर करवाई करने की मांग की है। बता दे की 11 अप्रैल को प्रदेश भाजपा द्वारा आयोजित सचिवालय घेराव कार्यक्रम में राज्य सरकार द्वारा किए गए पुलिसिया दमन,लाठीचार्ज करने पर बीजेपी ने पात्र लिख कर न्यायिक जांच कराकर कार्रवाई करने को कहा है। उन्होंने कहा की प्रदेश भारतीय जनता पार्टी लगातार हेमंत सरकार की विफलताओं,नाकामियों को उजागर करती रही है। पार्टी के जनप्रतिनिधियों ने भी राज्य की साढ़े तीन करोड़ जनता की भावनाओं के अनुरूप हेमंत सोरेन के नेतृत्व में चल रही झामुमो कांग्रेस और राजद की गठबंधन सरकार की जनविरोधी नीतियों,इनके वादा खिलाफी को सड़क से सदन तक लगातार उजागर किया है।

 

राज्य में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के गंभीर मामले आए दिन उजागर हो रहे

आगे उन्होंने कहा की आपके संज्ञान में यह बात अवश्य है कि किस प्रकार से केंद्रीय जांच एजेंसियों के द्वारा राज्य में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के गंभीर मामले आए दिन उजागर हो रहे हैं। राज्य के लिए शर्मनाक स्थिति यह है कि भ्रष्टाचार के मामले में स्वयं मुख्यमंत्री,उनके परिजन,सहयोगी के साथ कई वरिष्ठ अधिकारीयों की संलिप्तता भी उजागर हुई है। उन्होंने कहा की राज्य सरकार की नीतियों से स्पष्ट है कि राज्य सरकार की नियत में ही खोट है। यह सरकार राज्य का विकास नहीं करना चाहती बल्कि अपने परिजनों और चहेतों को केवल खनिज संसाधनों,और राज्य के खजाने को लूटने की छूट देना चाहती है। राज्य सरकार की तुष्टिकरण नीति का परिणाम है कि राज्य के अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक समुदाय के बीच दूरियां बढ़ रही है। बहुसंख्यक समाज के पर्व त्योहारों,सांस्कृतिक उत्सवों को सुनियोजित तरीके से निशाना बनाया जा रहा है।विगत दिनों जमशेदपुर में दो समुदायों के बीच हुए तनाव,भाजपा नेताओं की गिरफ्तारी राज्य सरकार की तुष्टिकरण नीति को ही उजागर करता है।

 

 

राज्य सरकार की नाकामियों एवम जन विरोधी नीतियों को उजागर किया है

प्रदेश भाजपा ने कई सांगठनिक कार्यक्रमों के माध्यम से राज्य सरकार की नाकामियों एवम जन विरोधी नीतियों को उजागर किया है। पार्टी द्वारा राज्य के सभी 264प्रखंडो एवम 24जिलों की सांगठनिक इकाइयों ने अपने अपने प्रखंडों,जिलों में जोरदार प्रदर्शन आयोजित किए। तत्पश्चात पार्टी ने प्रदेश स्तरीय प्रदर्शन की घोषणा की थी। हेमंत सरकार भाजपा के आंदोलन से डरी सहमी है इसलिए भाजपा के हर आंदोलन को सत्ता का दुरुपयोग करते हुए कुचलने की कोशिश करती रही है। सचिवालय घेराव कार्यक्रम में तो हेमंत सरकार ने हिटलरशाही सोच की पराकाष्ठा कर दी। हेमंत सरकार ने अपने खिलाफ हो रहे जनांदोलनों को कुचलने की नई परंपरा शुरू की है। यह सरकार आंदोलनकारियों को अपराधी मानती है। आंदोलन के एक दिन पूर्व सभी जिलों में सरकारी आदेश जारी कर 10अप्रैल को अपराह्न 2बजे से 11अप्रैल को अपराह्न 2बजे तक एंटी क्राइम चेकिंग के नाम पर प्रदर्शन में आने वाले नेताओं, वाहन चालकों,मालिकों एवम आम जनता को थाना प्रभारियों द्वारा डराया धमकाया गया।  रैली में आ रहे वाहनों की पूरे रास्ते में जगह जगह चेकिंग की गई ताकि जन सैलाब राजधानी रांची तक नहीं पहुंच सके। रैली के एक दिन पूर्व झामुमो नेता की प्रेसवार्ता में सत्ता का अहंकार और जनांदोलन का भय स्पष्ट उजागर हुआ।

 

 

भाजपा द्वारा आयोजित सचिवालय घेराव कार्यक्रम पूरी तरह लोकतांत्रिक था

बावजूद इसके प्रदेश भाजपा द्वारा आयोजित सचिवालय घेराव कार्यक्रम पूरी तरह लोकतांत्रिक था। लोकतंत्र में सत्ता की विफलताओं नाकामियों को उजागर करना विपक्ष का धर्म है जिसका पालन लोकतांत्रिक तरीके से भाजपा ने किया है। इस कार्यक्रम में शामिल हजारों भाजपा कार्यकर्ताओं एवम आम जनता ने धैर्य एवम संयम का परिचय दिया। कही भी कोई तोड़ फोड़ हिंसा नही की।ऐसे में पुलिसिया धौंस ,फर्जी मुकदमों ,संगीन अपराध की कानूनी धाराओं के आधार पर हेमंत सरकार अपने कुकृत्यों पर पर्दा डालना चाहती है। राज्य सरकार ने तानाशाही और हिटलरशाही को भी मात दे दी है। आपको बता दे की यह पत्र प्रदेश भाजपा प्रतिनिधिमंडल की और से है। बाबूलाल मरांडी(नेता विधायक दल एवम पूर्व मुख्यमंत्री),दीपक प्रकाश( प्रदेश भाजपाअध्यक्ष),डॉ प्रदीप वर्मा (प्रदेश महामंत्री),बालमुकुंद सहाय(प्रदेश महामंत्री),रघुवर दास,राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवम पूर्व मुख्यमंत्री इन तमाम लोगों ने राज्यपाल से अनुरोध किया है की नेताओं कार्यकर्ताओं पर हुए फर्जी मुकदमों की न्यायिक जांच कराकर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।

 

 

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