बोगटुई कांड: जेल हिरासत में आरोपी की मौत के मामले में CBI के 4 अफसर सस्पेंड
सभी के खिलाफ विभागीय जांच शुरू
कोलकाताः पश्चिम बंगाल में बगटुई नरसंहार कांड के मुख्य आरोपी लालन शेख की मौत के मामले में सीबीआई के चार अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है।
इनमें 2 जांच अधिकारी और दो अन्य कांस्टेबल हैं। केंद्रीय जांच एजेंसी ने सभी के खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी है। सीबीआई के अधिकारियों के मुताबिक बगटुई मामले के जांच अधिकारी विलास मडगुथ, राहुल प्रियदर्शी और कांस्टेबल भास्कर मंडल और एक अन्य को निलंबित कर दिया गया है।
लालन शेख की मौत के समय चारों अधिकारी सीबीआई कैंप में थे। सीबीआई सूत्रों के मुताबिक प्रारंभिक जांच में कर्तव्य में लापरवाही के सबूत मिलने के बाद इन चार लोगों को निलंबित किया गया है। सभी के खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी गई है। सीबीआई सूत्रों के मुताबिक, रिपोर्ट कलकत्ता हाई कोर्ट को भी सौंपी गई है।
गौरतलब हो कि 21 मार्च को भादू शेख की उनके घर के सामने हत्या कर दी गई थी। हत्या के समय भादू लालन के साथ था। भादू शेख की हत्या के बाद बगटुई गांव में नरसंहार हुआ था।
अगली सुबह भी लालन ने पत्रकारों को गांव जाने से रोक दिया था। नौ महीने बाद तीन दिसंबर को लालन को झारखंड से गिरफ्तार किया गया था। 9 दिनों के बाद सीबीआई हिरासत में लालन की मौत हो गई थी। पीड़ित की पत्नी का दावा है कि लालन की हत्या की गई है।
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सीआईडी मामले की जांच कर रही है। इस मामले में कोर्ट ने जांच का आदेश दिया था। फिलहाल इस मामले की कोर्ट में सुनवाई चल रही है। लालन शेख की पत्नी ने दावा किया था कि सीबीआई के अधिकारियों ने 50 लाख रुपए फिरौती की मांग की थी। बाद में उनकी हत्या कर दी गई। इस घटना के बाद राज्य की राजनीति में काफी बवाल मचा था।
सीबीआई अधिकारियों को निलंबित करने के फैसले के साथ राजनीति शुरु हो गई है। भाजपा नेता राहुल सिन्हा ने दावा किया कि अधिकारियों के निलंबन को देखकर राज्य सरकार को अपराध से लड़ना सीखना चाहिए। कुणाल घोष ने बारी-बारी से जवाब दिया।
तृणमूल के राज्य महासचिव कुणाल घोष ने कहा कि मुझे लगता है कि यह हत्या पूरी साजिश के तहत की गयी। हालांकि निलंबन का फैसला ले लिया गया है, लेकिन लालन शेख की मौत पर उठे सवालों का जवाब अभी मिलना बाकी है।